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विवाहित महिलाएं क्यों लगाती हैं सिंदूर? जानिए इस परंपरा का वैज्ञानिक रहस्य

हिंदू संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अनेक सौभाग्य चिह्न निर्धारित किए गए हैं। ये मात्र शृंगार की सामग्री ही नहीं होते, बल्कि इनके पीछे प्राचीन ऋषियों का चिंतन भी है। आमतौर पर हर सौभाग्यवती हिंदू महिला सिंदूर अवश्य लगाती है। क्या आप जानते हैं कि सिंदूर लगाने का क्या कारण है? सिंदूर लगाने के
विवाहित महिलाएं क्यों लगाती हैं सिंदूर? जानिए इस परंपरा का वैज्ञानिक रहस्य

हिंदू संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अनेक सौभाग्य चिह्न निर्धारित किए गए हैं। ये मात्र शृंगार की सामग्री ही नहीं होते, बल्कि इनके पीछे प्राचीन ऋषियों का चिंतन भी है। आमतौर पर हर सौभाग्यवती हिंदू महिला सिंदूर अवश्य लगाती है।

क्या आप जानते हैं कि सिंदूर लगाने का क्या कारण है? सिंदूर लगाने के पीछे कई अवधारणाएं हैं। आपने देवी—देवताओं के मंदिरों में भी भक्तों द्वारा भगवान को सिंदूर अर्पित करते हुए देखा होगा।

सिंदूर मात्र सौभाग्य का नहीं, बल्कि शक्ति और मंगलमय जीवन का भी प्रतीक होता है।सौभाग्यवती महिलाएं सिंदूर लगाकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं, वहीं सिंदूर लगाने की परंपरा का वैज्ञानिक रहस्य भी है।

अध्यात्म के अनुसार, शरीर के जिस स्थान पर सिंदूर लगाया जाता है, वहां ब्रह्मरंध्र होता है। चिकित्सा विज्ञान भी मानता है कि यह स्थान बहुत नाजुक होता है। अगर इस पर चोट लग जाए तो इस बात की ज्यादा संभावना है कि मनुष्य की मृत्यु हो जाए। अगर आपने गौर किया हो तो बचपन में शिशुओं के सिर का यह हिस्सा बहुत ज्यादा कोमल होता है।

जब इस स्थान पर सिंदूर लगाया जाता है तो ब्रह्मरंध्र स्थान को सिंदूर से शक्ति मिलती है। सिंदूर के अवयव ब्रह्मरंध्र को अधिक शक्तिशाली बनाते हैं। अध्यात्म की मान्यता है कि सिंदूर लगाने से यह स्थान अधिक सक्रिय होता है जो सोचने—समझने और निर्णय लेने की शक्ति को बेहतर करता है।

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