केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 8वां दिन है। प्रदर्शनकारी किसानों ने 5 दिसंबर को देशव्यापी विरोध के लिए सरकार को चेताया है। कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने को लेकर किसानों ने सरकार से आग्रह किया है। दिल्ली से हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सटी सीमाओं पर पिछले 8 दिन से प्रदर्शन जारी है। सिंघु बोर्डर पर हजारों किसान डेरा डाले हुए हैं। वहीं टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को देखते हुए आवागमन रोक दिया गया है।
किसान संगठन और सरकार के नेताओं के बीच विज्ञान भवन में चौथे दौरे की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में 30 किसान संगठनों के नेता शामिल हुए हैं। बुंदेलखंड़ किसान यूनियन ने गुरुावर को कहा कि अगर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानून किसान विरोधी है। इन कानूनों से किसानों का भला नहीं होगा। बल्कि उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
किसानों के साथ बैठक के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की अमित शाह से दो बार बातचीत हुई है। विज्ञान भवन से फोन पर लगातार अमित शाह को बैठक के बारे में ताजा जानकारी दी जा रही है। इससे पहले किसानों ने ब्रेक के दौरान सरकारी की ओर से जो खाने का इंतजाम किया गया था उसको खाने से किसानों ने इनकार कर दिया। किसान नेताओं ने कहा कि उनके लंगर से खाना आया है।
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