बिहार चुनाव में मिली सफलता के बाद अब बीजेपी बंगाल चुनाव की तैयारी में है। अगले साल बंगाल में 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। लेकिन बीजेपी अभी से बंगाल चुनाव की तैयारियों में लगी है। लेकिन ममता बनर्जी के गढ़ में बीजेपी की जीत मुश्किल भरी रहने वाली है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बंगाल में मिली सफलता के बाद पार्टी आगामी चुनाव को लेकर सियासी जमीन तैयार कर रही है।
बिहार में एनडीए ने 19 लाख नई नौकरियों का वादा कर महागठबंधन को पछाड़ दिया। नए रोजगार का सृजन, 19 लाख नौकरी, भ्रष्टाचार, सड़क जैसे मुद्दों ने एनडीए को जीत दिलाई है। अब बंगाल में भी बीजेपी रोजगार, भ्रष्टाचार, सीएए, बीजेपी कार्यकर्तों की हत्या जैसे मुद्दों को भुनाने से पीछे नहीं हटेगी। ऐसे में बीजेपी ममता सरकार को घेरने के लिए इन मुद्दों का सहारा लेगी। 5 और 6 नवंबर को गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय बंगाल दौरे से चुनावी प्रचार का आगाज हो गया। शाह के बंगाल दौरे के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
दलित वोट बैंक से लेकर मथुआ समाज को अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। मथुआ समाज के बंगाल में 70 लाख के करीब आबादी है। यह बांग्लादेश से आकर बंगाल में रह रहे हैं। ऐसे में बीजेपी का नागरिकता कानून बंगाल चुनाव में मुद्दा बनेगा। बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर भी बीजेपी ममता सरकार को निशाने पर ले रही है।
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