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रेडिय़ोएक्टिव पदार्थों का इस्तेमाल दैनिक जीवन में कहां कहां किया जाता है

जयपुर। आम तौर पर रेडियोएक्टिव पदार्थों का नाम आते ही चेहरे के सामने किसी परमाणु रिएक्टर की तस्वीर नजर आती है, जिसमें भारी भरकम पोशाक पहने हुए वैज्ञानिक काम करते रहते हैं। मैडम क्यूरी द्वारा खोजे गए रेडियोधर्मी पदार्थ वैसे तो परमाणु ऊर्जा उत्पादन में काम आते हैं। यूरेनियम और थोरियम जैसे रेडियोएक्टिव पदार्थ संसार
रेडिय़ोएक्टिव पदार्थों का इस्तेमाल दैनिक जीवन में कहां कहां किया जाता है

जयपुर। आम तौर पर रेडियोएक्टिव पदार्थों का नाम आते ही चेहरे के सामने किसी परमाणु रिएक्टर की तस्वीर नजर आती है, जिसमें भारी भरकम पोशाक पहने हुए वैज्ञानिक काम करते रहते हैं। मैडम क्यूरी द्वारा खोजे गए रेडियोधर्मी पदार्थ वैसे तो परमाणु ऊर्जा उत्पादन में काम आते हैं। यूरेनियम और थोरियम जैसे रेडियोएक्टिव पदार्थ संसार में परमाणु ऊर्जा के बड़े स्त्रोत हैं, लेकिन क्या आप जानते है कि कुछ रेडियोएक्टिव पदार्थ हमारे दैनिक जीवन में भी काम में लिए जाते हैं। तो चलिए उनके बारे में जानते हैं।रेडिय़ोएक्टिव पदार्थों का इस्तेमाल दैनिक जीवन में कहां कहां किया जाता है

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आम तौर पर रेडियोएक्टिव पदार्थों के परमाणु के नाभिक में से विभिन्न विकिरणों का उत्सर्जन होता रहता हैं। इसी वजह से इन पदार्थों को रेडियोऐक्टिव तत्व कहा जाता है। इस विकिरण उत्सर्जन की घटना को रेडियोऐक्टिवता कहा जाता है। चिकित्सा क्षेत्र में कोबाल्ट-60 नामक रेडियोऐक्टिव समस्थानिक काम में लिया जाता है। इससे उच्च उर्जा वाली गामा किरणें उत्सर्जित होती हैं। इन्हीं गामा किरणों की मदद से कैंसर का इलाज भी किया जाता है।रेडिय़ोएक्टिव पदार्थों का इस्तेमाल दैनिक जीवन में कहां कहां किया जाता है

वही थायराइड ग्रंथि के कैंसर में मरीज के शरीर में रेडियोऐक्टिव आयोडीन समस्थानिक की पर्याप्त मात्रा प्रवेश करवाई जाती है। इसके बाद एक मशीन से उस हिस्से की पहचान कर ली जाती है, जहां पर कैंसर की कोशिकाएं सबसे ज्यादा सक्रिय होती हैं। इसके अलावा ट्यूमर की खोज में भी As-74 नामक रेडियोएक्टिव पदार्थ काम में लिया जाता है।रेडिय़ोएक्टिव पदार्थों का इस्तेमाल दैनिक जीवन में कहां कहां किया जाता है

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खेती में भी रेडियोऐक्टिव समस्थानिकों की मदद से भूमि का उपजाऊपन ज्ञात किया जा सकता है। इसे ट्रेसर विधि भी कहते हैं। ऑटोमोबाइल के इंजन के क्षयन का पता लगाने में भी रेडियोएक्टिव तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसी तरह कार्बन-14 की मदद से पुरातत्व विज्ञान में चीजों की उम्र आंकी जाती हैं।

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