Samachar Nama
×

लिशाखापट्टनम: हिंदुस्तान शिपयार्ड में क्रेन हादसा, 11 की मौत, CM ने दिए जांच के आदेश

आंध्र प्रदेश। विशाखापट्टनम में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेट (HSL) के कैंपस में एक क्रैन हादसे ने हर किसी को हैरान कर दिया। HSL कैंपस में क्रेन गिरने से 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, क्रेन हादसा दोपहर 12 बजे के करीब होना सामने आया है। एक ट्रेनड यूनियन के नेता का कहना
लिशाखापट्टनम: हिंदुस्तान शिपयार्ड में क्रेन हादसा, 11 की मौत, CM ने दिए जांच के आदेश

आंध्र प्रदेश। विशाखापट्टनम में हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेट (HSL) के कैंपस में एक क्रैन हादसे ने हर किसी को हैरान कर दिया। HSL कैंपस में क्रेन गिरने से 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, क्रेन हादसा दोपहर 12 बजे के करीब होना सामने आया है। एक ट्रेनड यूनियन के नेता का कहना है कि क्रेन ओवरलोड थी। इस वजह से हादसा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

लिशाखापट्टनम: हिंदुस्तान शिपयार्ड में क्रेन हादसा, 11 की मौत, CM ने दिए जांच के आदेश

पुलिस का कहना है कि क्रेन की मरम्मत को लेकर काम किया जा रहा था। उसी दौरान हादसा होने से चीख पुकार मच गई। बताया जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। क्रेन के नीचे कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। शिपयार्ड के अधिकारी वेरिफाई करने की कोशिश में लगे हैं कि हादसे के वक्त घटनास्थल पर कितने लोग मौजूद थे। इस पूरे मामले पर राज्य के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने तत्काल कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम के जिला कलेक्टर और शहर के पुलिस आयुक्त को क्रेन हादसे को लेकर जांच के आदेश दिए हैं।

लिशाखापट्टनम: हिंदुस्तान शिपयार्ड में क्रेन हादसा, 11 की मौत, CM ने दिए जांच के आदेश

बता दें कि एचएसएल देश का सबसे पुराना शिपयार्ड माना जाता है। इसकी स्थापना 1941 में सिंधिया स्टीमशिप नेविगेशन कंपनी के तहत उद्योगपति वालचंद हीराचंद की ओर से की गई थी। 1961 में शिपयार्ड का राष्ट्रीयकरण होने के बाद इसका नामकरण हिंदुस्तान शिपयार्ड हो गया। साल 2010 से इसका स्वामित्व रक्षामंत्रालय के पास है।

Read More…
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 31 अगस्त तक रोक, सफर के लिए करना पड़ेगा और इंतजार
अमेरिकी राष्ट्रपति ने TikTok पर दिया बड़ा बयान, कहा-जल्द लग सकता है प्रतिबंध

Share this story