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यह विमान 44,000 किमी/प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा से बातें करेगा

जयपुर। अगर हम आपसे यह कहे कि चीन से एक विमान केवल 14 मिनट में अमेरिका पहुंच जाएगा तो आपको यह कोरा ख्य़ाली पुलाव ही लगेगा, मगर दोस्तों यह ख्याली पुलाव अब हकीकत में सच होने जा रहा है। दरअसल चीन ने दुनिया की सबसे तेज गति से चलने वाली तकनीक का आविष्कार कर लिया
यह विमान 44,000 किमी/प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा से बातें करेगा

जयपुर। अगर हम आपसे यह कहे कि चीन से एक विमान केवल 14 मिनट में अमेरिका पहुंच जाएगा तो आपको यह कोरा ख्य़ाली पुलाव ही लगेगा, मगर दोस्तों यह ख्याली पुलाव अब हकीकत में सच होने जा रहा है। दरअसल चीन ने दुनिया की सबसे तेज गति से चलने वाली तकनीक का आविष्कार कर लिया है। जी हां, कल्पना की तरह तेज गति से उड़ने वाला यह हवाई जहाज पलक झपकते ही दुनिया के किसी भी कोने में तुरंत परमाणु हथियारों के साथ पहुंच जाएगा।

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बता दे कि ध्वनि की गति से हजारो गुना तेज हाइपरसॉनिक तकनीक पर आधारित यह विमान केवल 14 मिनट में चीन से अमेरीकी तट पर पहुंच जाएगा। यह विमान करीब 43,200 किमी/प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर पाएगा। आवाज़ की गति से 35 गुना ज्यादा गति होने की वजह से ही इस गति को हाइपरसॉनिक गति कहते हैं। विशेषज्ञों की माने तो 2020 तक दुनिया की सबसे तेज हाइपरसॉनिक सुविधा का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।यह विमान 44,000 किमी/प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा से बातें करेगा

दरअसल इस परियोजना को चीन ने चीनी हवाई सुरंग नाम दिया गया है। निर्माण कार्य पूरा होते ही तुरंत इस सुरंग का टेस्ट किया जाएगा। गौरतलब है कि मौजूदा दौर में दुनिया की सबसे तेज गति वाली हवाई सुरंग न्यूयॉर्क की लेंस एक्स है। इसमें करीबन 36,000 किमी/घंटा की रफ्तार पर हवाई जहाज उड़ सकते हैं। हाइपरसॉनिक विमान को उड़ने के लिए इसी तरह की सुरंग का होना जरूरी है। ध्वनि की रफ्तार से कई गुना तेज रफ्तार पर पिछले कई सालों से अनुसंधान चल रहा है।यह विमान 44,000 किमी/प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा से बातें करेगा

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अगर यह प्रयोग कामयाब हो गया तो चीन किसी भी देश में अपने इन विमानों की मदद से तुरंत पहुंच पाएगा। कामयाब हो जाएगा। इस विमान से दुनिया के किसी भी हिस्से में परमाणु हथियारों को फौरन पहुंचाया जा सकेगा। हालांकि कई देशों ने इस तरह की विनाशकारी ताकत का विरोध भी किया हैं। मगर चीन अपनी मनमानी करने के लिए मशहूर है।

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