कोरोना संकट के बीच देशभर में गणतंत्र दिवस की जोरों पर तैयारियां चल रही है। इस साल का गणतंत्र दिवस कई मायनों में खास रहने वाला है। कोरोना संकट के चलते इस बार प्रशासन के सामने सुरक्षित तरीके से गणतंत्र दिवस समारहो के आयोजन की चुनौती बनी हुई है। कोरोना वायरस की वजह से इस साल गणतंत्र दिवस समारोह कुछ अलग दिखेगा।
- इस बार गणंत्र दिवस समारोह में विदेश का कोई गणमान्य मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं हो सकेगा। 55 साल बाद पहली बार ऐसा होना जा रहा है जब 1966 के बाद गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मुख्य अतिथि नहीं आएगा।
- भारतीय वायुसेना के बेडे़ में हाल में शामिल हुए राफेल लड़ाकू विमान 26 जनवरी को भारत की गणतंत्र दिवस परडे में उड़ान भरेगा।
- गणतंत्र दिवस पर कोरोना संकट के चलते अतिथियों और दर्शकों की संख्या इस बार कम रहेगी। हर साल रिपब्लिक डे परेड देखने के लिए करीब 1.25 लाख लोग आते थे लेकिन इस बार यह संख्या 25 हजार पर आ ठहरी है।
- इस बार खड़े होकर परेड नहीं देख सकेंगे। जितनी सीटें होंगी उतने ही लोगों को इजाजत दी जाएगी।
- इस गणतंत्र दिवस पर छोटे बच्चे नहीं आ सकेंगे। इस साल परेड में छोटे बच्चों का दस्ता भी शामिल नहीं हो सकेगा।
- इस साल गणतंत्र दिवस परेड का रूट भी छोटा होगा। पहले परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर होती थी जो विजय चौक से लाल किले तक जाती थी लेकिन इस बार परेड साढ़े 3 किलोमीटर ही लंबी रहेगी।
- इसके साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाए जैसी एहतियात दी गई है।
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