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बच्चे को मोटापे से बचाने के लिए मां को रहना होगा तंदुरुस्त

जयपुर। इन दिनों एक स्वस्थ दिनचर्या अपनाना बहुत भारी काम हो चुका है। लाइफ की बुलेट रेस में किसी के पास भी इतना टाइम नहीं है कि वह पुराने जमाने वाली हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर एक बेहतर जिंदगी जी पाए। सबको भागने की लगी है। इसी चक्कर में तो मॉडर्न मांओं से पैदा होने वाले बच्चों
बच्चे को मोटापे से बचाने के लिए मां को रहना होगा तंदुरुस्त

जयपुर। इन दिनों एक स्वस्थ दिनचर्या अपनाना बहुत भारी काम हो चुका है। लाइफ की बुलेट रेस में किसी के पास भी इतना टाइम नहीं है कि वह पुराने जमाने वाली हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर एक बेहतर जिंदगी जी पाए। सबको भागने की लगी है। इसी चक्कर में तो मॉडर्न मांओं से पैदा होने वाले बच्चों में छोटी सी उम्र में ही मोटापे जैसी गंभीर समस्या बढ़ रही हैं। जबकि इस आयु में इस तरह का शारिरिक बदलाव काफी खतरनाक साबित हो सकता है।

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दरअसल हाल ही में किए गए एक शोध से यह पता चला है कि मां की सेहत से ही बच्चे की हैल्थ निर्धारित होती है। तो अगर अपने बच्चे को मोटापे से बचाना है तो पहले उस मां को खुद फिट होना पड़ेगा। द बीएमजे नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित शोध से पता चला है कि जिन माताओं का वजन संतुलित होता है और जो नियमित रूप से व्यायाम करती हैं उनके बच्चे कभी मोटे नहीं होते हैं।बच्चे को मोटापे से बचाने के लिए मां को रहना होगा तंदुरुस्त

साथ ही जो औरतें धूम्रपान नहीं करतीं, पौष्टिक भोजन करती हैं और बहुत कम शराब पीती हैं, उनके बच्चों में मोटापे का खतरा काफी कम हो जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस शोध में अमेरिका के हावर्ड टी एच चान पब्लिक हेल्थ स्कूल के शोधकर्ता भी शामिल थे। शोध के नतीजे बताते हैं कि अगर माता एकदम स्वस्थ व हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाती है तो उस बच्चे में मोटापे का खतरा कम हो जाता है।बच्चे को मोटापे से बचाने के लिए मां को रहना होगा तंदुरुस्त

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गौरतलब है कि इन दिनों बच्चों में बचपन से ही मोटा होने की खतरनाक प्रवृत्ति देखी जा रही है। फिर धीरे धीरे वह मोटा बच्चा वयस्क होने तक सत्रह तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता हैं। इनमें दिल की बीमारियां और मधुमेह मुख्य हैं। शोधकर्ताओं ने अमेरिका के दो शहरों में 9 से 14 साल के 24 हजार 289 बच्चों के ऊपर यह शोध किया है।

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