घर की सुख शांति के लिए वास्तु की इन अहम बातों का रखें ध्यान
सुखी घर परिवार की सबसे अहम बाते हैं परिवार का हमेशा खुश रहना, जिन घरों में में परिवार के सदस्यों के चेहरों पर उदासी हो उन्हें सुखी परिवार की संज्ञा नहीं दी जाती।
बता दें की घर की सुख शांति परिवार के रहन सहन से अत्यधिक प्रभावित होती है, इसका सबसे अहम भूमिका निभाता है वास्तुशास्त्र । जिस घर में आप रहते हैं उसको लेकर कई तथ्य होंते जो सुख शांति को तय करते है पर अक्सर लोग इन्हें सच नहीं मानते हैं। इसलिए आपको यह समझना चाहिए की कि घर में कौन से वास्तु दोष हैं। यहां तक कि बहुत से लोग इस बात पर विश्वास नहीं करते हैं कि परिवार में मौजूद गरीबी एक बड़े वास्तु दोष का कारण है। अगर आपको घर भी वास्तु दोषों से ग्रसित है तो आपको सुखी घर के लिए वास्तु की इन बातों का ख्याल रखना चाहिए ।
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हमेशा घर में बीम के नीचे बैठे या सोएं जिससे घर में मौजूद उदसी, परिवार के सदस्यों को शारीरिक और मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा । अगर आपको घर का केंद्र बहुत ही भरा हुआ है जैसे जनरेटर मौजूद, सीढ़ी हैं या शौचालय आदि स्थित तो आप अक्सर पेट की समस्यओं से ग्रसित होंगे, क्योंकि हमारे शरीर का प्रमुख केंद्र पेट है जो ऐसे वास्तु दोषों से तुरंत प्रभावित होता है । इसलिए घर के केंद्र को हमेशा खाली और साफ सुथरा रखें।
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घर की ओर से पूर्वी दिशा को अग्नि क्षेत्र माना जाता है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप इस दिशा में नियमित रूप से एक दिव्य प्रकाश या दिए को जलाए करें। यह परिवार के सभी सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
घर के दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिमी दिशा में कोई ढलान, भूमिगत तम्बू, और जल निकासी प्रणाली आदि नहीं होना चाहिए। क्योंकि इससे महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है जबकि दक्षिण-पश्चिम दिशा घर के बड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। कभी घर की रसोई में दवाओं को रखने की गलती न करें। यदि आप रसोई में अपनी दवाइयां रखते हैं तो घर बहुत सी ही स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित रहेगा ।
यहीं नहीं यहां तक कि आपकी नींद की दिशा भी आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। अपने सिर को दक्षिण या पूर्वी दिशा में करके सोए। साथ ही घर के वृद्धों को दक्षिण-पश्चिम सिर करके ही सुलाएं।