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सिर्फ दूध ही नहीं कीमती धातु भी देती है गौमाता

जयपुर। भारतीय संस्कृति में गाय को माता के समान स्थान दिया गया है। तभी तो गौमाता से मिलने वाले दुग्ध में काफी शानदार औषधीय गुण पाए जाते हैं। पुराने समय में गाय को कामधेनु ऐसे ही नहीं कहा जाता था। विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में लिखा हुआ है कि गाय का दूध मानव शरीर के लिए
सिर्फ दूध ही नहीं कीमती धातु भी देती है गौमाता

जयपुर। भारतीय संस्कृति में गाय को माता के समान स्थान दिया गया है। तभी तो गौमाता से मिलने वाले दुग्ध में काफी शानदार औषधीय गुण पाए जाते हैं। पुराने समय में गाय को कामधेनु ऐसे ही नहीं कहा जाता था। विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में लिखा हुआ है कि गाय का दूध मानव शरीर के लिए सबसे उत्तम गुणवत्ता का होता है। गाय के दूध को पंचामृत में इसी वजह से अहम स्थान प्राप्त है।

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मगर क्या आप जानते है कि गाय के दूध की तरह ही उसका मूत्र भी बहुत लाभदायक होता है। हाल ही में एक शोध से पता चला है कि गोमूत्र में सोना भी पाया जाता है। जी हां, यह बेशकीमती खुलासा एक भारतीय वैज्ञानिक ने किया है। दरअसल रिसर्च से यह पता चला है कि गोमूत्र में कीमती धातु सोने के अंश पाए जाते हैं। सिर्फ दूध ही नहीं कीमती धातु भी देती है गौमातायह अनोखा दावा गुजरात की जूनागढ़ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (जेएयू) में कार्यरत एक प्रोफेसर डॉ.बीए गोलकिया ने किया है। गोलकिया ने कई सालों तक गाय के मूत्र पर अनुसंधान करने के बाद यह अनोखी कामयाबी हासिल की है।सिर्फ दूध ही नहीं कीमती धातु भी देती है गौमाता

गौरतलब है कि डॉ. गोलकिया इस विश्वविद्यालय में बायोटेक्नॉलजी विभाग के विभागाध्यक्ष पद पर कार्यरत है। वह पिछले चार सालों से गोमूत्र पर रिसर्च कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने गिर नस्ल की 400 से भी अधिक गायों के मूत्र की लगातार जांच करके यह पता लगाया है कि एक लीटर गोमूत्र से 3 एमजी से 10 एमजी तक सोना निकाला जा सकता है। दरअसल यह सोना गोमूत्र में लवण के रूप में पाई जाती है। इसे बाद में परिष्कृत करके अलग किया जा सकता है।सिर्फ दूध ही नहीं कीमती धातु भी देती है गौमाता

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आपको बता दे कि सोने जैसी कीमती धातु का यह लवणीय रूप पानी में घुलनशील है। रिपोर्ट की माने तो डॉ. गोलकिया के नेतृत्व में तीन सदस्यीय शोध दल ने करीब चार साल तक क्रोमैटोग्राफी-मास स्पेक्ट्रोमेट्री विधि का इस्तेमाल करके गोमूत्र पर कई तरह के प्रयोग किए हैं। वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि प्राचीन ग्रंथों में कामधेनु जैसी पवित्र गाय के मूत्र में स्वर्ण पाए जाने की बात एकदम सही है।

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