क्या ड्रैगन सच में मुंह से आग फेंकते थे?
ड्रैगन के बारे में सोच कर ही हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं, तो सोचिए अगर ऐसे में वे अपने सामने आ जाए या आज के समय में मौजूद हों तो हमारी दुनिया का क्या हाल होता। माना जाता है कि ड्रैगन्स शरीर में काफी बड़े और डरावने हुआ करते थे। मगर एक बार सब काम छोड़कर सोचिए कि अगर यह विशलकाय जीव आग उगलता तो, हमारी दुनिया का क्या हाल होता? आसमान में उड़ने वाला यह जीव अगर आग बरसाता तो दुनिया का बहुत बुरा अंत जल्दी ही हो जाता।
शोधकर्ताओं की मानें तो ड्रैगन एक लालची और बेईमान जीव है। इतिहास की माने तो कुछ ड्रैगन अच्छे भी हुआ करते थे और कुछ ऐसे जो आपको पलक झपकते ही भस्म कर सकते थे।
ये भी पढ़ें जानिए क्यों ब्रेड पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं?
मगर ऐसा क्या था जो इन्हें आग उगलने वाला जीव बनाता था। पॉलियोन्टोगोनिष्ठ हैनरी गी. के अनुसार ड्रैगन ऑक्सीजन पैदा करते थे तथा उस ऑक्सीजन में एक तरह का स्पार्क बनता था। कुछ का ये भी मानना है कि गले में मौजूद पत्थरों से या फिर दांतों पर लगी मिनरल कोटिंग से मिलकर ज्यादा मात्रा में डाइ-ईथाइल ईथर पैदा होता है, जो भारी मात्रा में एक बिना रंग का ज्वलनशील कंपाउंड बनाता है। इन्सान ने जब आग को काबू करना सीखा था तब वह इस संसार पर राज करने लग गया था का मगर एक ड्रैगन की तरह आग उगलना शायद नामुमकिन है।
एक ड्रैगन की आग की क्षमता का पता लगाने के लिए हमें एक ऐसे इन्सान की जरूरत है, जो बामॅबाडियर बीटल जैसा हो। आपक बता दें कि बामॅबाडियर बीटल एक मशीन होती है जो विस्फोटक चीजों का निरीक्षण करती हैं और आग पैदा करके उसे दूर फेंकने वाली मशीन है।
ये भी पढ़ेंचाइना ने लांच किया अपना पहला स्पेस टेलिस्कोप, जानिए इसके बारे में
जब बीटल को आभास होता है कि खतरा है तो वह हाईड्रोजन पर-ऑकसाइड और हाईड्रोक्युनोन्स को दूसरे चेम्बर्स मे भेज देता है, जहां पर एन्ज़ाइम्स बनते हैं और हाईड्रोजन को तोड़ देते हैं। छोड़ी हुई ऑक्सीडेट बनाती है। इन सब के परिणाम से एक ऐसा केमिकल रिएकश्न पैदा होता जो इतनी मात्रा में पैदा होता और इतना गरम होता है कुछ भी जला कर राख कर सकता है। इसी तरह एक ड्रैगन की आग भी काम करती थी। और बड़े-बड़े मैदान जला सकने की ताकत रखती थी।
ये भी पढ़ेंजानिए क्यों ब्रेड पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं?

