Foreign Education:उच्च शिक्षा के लिए छात्र उन देशो का कर रहे रुख,जिन्होंने कोरोना का किया बेहतर प्रबंधन
कोरोना महामारी के आने के बाद से भारतीय छात्रों द्वारा उच्च शिक्षा के लिए विदेशो में जाकर पढ़ाई करने के लिए जाने में भी एक बड़े बदलाव देखने को मिल रहा है। स्टूडेंट्स अब केवल कॉलेज या उनके मनपसंद पाठ्यक्रम के बारे में ही नहीं देख रहे हैं, बल्कि संबंधित देश के स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और चिकित्सा सुविधाओं पर भी गौर कर रहे हैं।
द प्रिंट के एक रिपोर्ट के मुताबिक कई विदेशी शिक्षा सलाहकारों ने भी माना है कि छात्र अब विदेशी युनिवेर्सिटी का चयन करते समय ये सुनिश्चित कर रहे हैं,की वहां के स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा कैसा है। कई स्टूडेंट्स अब अमेरिका और कनाडा जैसे बड़े देशों को छोड़कर यूरोपीय देश जैसे सिंगापुर,न्यूजीलैंड जैसे देशों का भी रुख कर रहे है। क्यूंकि इन देशो की jजनसंख्या भी सीमित है और इन देशो ने महामारी का प्रबंधन भी बेहतरीन ढंग से किया है।
लीवरेज एडू के संस्थापक, और सीईओ अक्षय चतुर्वेदी कहते है,छात्रों से बातचीत के दौरान, हमने ये महसूस किया है कि विदेश का चयन करते समय उसकी लीडरशिप अब स्टूडेंट्स के लिए एक महत्वपूर्ण तथ्य बन चुका है। अलग अलग देशो में पढ़ाई करने के लिए जाने वाले छात्र अब निश्चित रूप से यह देख रहे है की इन देशों ने कोरोना के दौरान कैसा मैनेजमेंट किया,और यही उनके चयन का आधार भी बनेगा। अक्षय ने आगे कहा कि वर्तमान समय में, छात्र माइग्रेशन नीति और मजबूत स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के कारण यूके जाना पसंद कर रहे हैं।