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क्या आप भी झेल रहे कष्ट, तो आज करें शनि स्तोत्र का पाठ

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए विशेष माना गया हैं वही शनिवार का दिन शनि भगवान को समर्पित होता हैं आज के दिन शनिदेव की पूजा विधि पूर्वक की जाती हैं इस दिन अगर पूजा के साथ शनि स्तोत्र का पाठ किया जाए तो
क्या आप भी झेल रहे कष्ट, तो आज करें शनि स्तोत्र का पाठ

हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए विशेष माना गया हैं वही शनिवार का दिन शनि भगवान को समर्पित होता हैंक्या आप भी झेल रहे कष्ट, तो आज करें शनि स्तोत्र का पाठ आज के दिन शनिदेव की पूजा विधि पूर्वक की जाती हैं इस दिन अगर पूजा के साथ शनि स्तोत्र का पाठ किया जाए तो शनि की कुद्रष्टि से रक्षा हो सकती हैं साथ ही जीवन में मिलने वाले कष्ट भी दूर हो जाएंगे। तो आज हम आपके लिए लेकर आए है शनि स्तोत्र पाठ, तो आइए जानते हैं।क्या आप भी झेल रहे कष्ट, तो आज करें शनि स्तोत्र का पाठ

आपको बता दें कि शनिवार के दिन शनि स्तोत्र का पाठ करने से पहले भक्त को स्नान आदि से निवृत्त होना चाहिए इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें। किसी भी शनि मंदिर में जाकर भगवान शनिदेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके बाद भगवान से अपने कष्टों को दूर करने के लिए मन ही मन कहना चाहिए फिर शनि स्तोत्र का पाठ सच्चे मन और श्रद्धा भाव से करना चाहिए ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएगे।क्या आप भी झेल रहे कष्ट, तो आज करें शनि स्तोत्र का पाठ

यहां पढ़ें शनि स्तोत्र पाठ—

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।

नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।1

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।

नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते। 2

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।

नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते। 3

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।

नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने। 4

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।

सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च। 5

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।

नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते। 6

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।

नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:। 7

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।

तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्। 8

देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।

त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:। 9

प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे।

एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।10क्या आप भी झेल रहे कष्ट, तो आज करें शनि स्तोत्र का पाठ

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