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Places to visit:आप भारत के पहले ग्लास स्काईवॉक को देखने के लिए यहां की करें यात्रा

जयपुर।विदेशों में कई जगह पर कांच के पुल आपको देखने को मिल जायेंगे, जो कि आपको रोमांचित करते है।कांच के बने पुल जमीन से सैकड़ों फीट ऊपर होते है और इन पारदर्शी पुल पर चलना रोमांचक होने के साथ खतरनाक भी होता है।इसलिए कमजोर दिल वाले ऐसी जगहों पर सावधानी से जाएं। सिक्किम के ग्लास
Places to visit:आप भारत के पहले ग्लास स्काईवॉक को देखने के लिए यहां की करें यात्रा

जयपुर।विदेशों में कई जगह पर कांच के पुल आपको देखने को मिल जायेंगे, जो कि आपको रोमांचित करते है।कांच के बने पुल जमीन से सैकड़ों फीट ऊपर होते है और इन पारदर्शी पुल पर चलना रोमांचक होने के साथ खतरनाक भी होता है।इसलिए कमजोर दिल वाले ऐसी जगहों पर सावधानी से जाएं।

सिक्किम के ग्लास स्काईवॉक की करें सैर—
आप अपने रोमांच को बढ़ाने के लिए ग्लास के बने उंचाई वाले पुल को देखने के लिए भारत के सिक्किम राज्य की सैर करें।इसके लिए आपको वीजा और हवाई जहाज के टिकट की आवश्यकता नहीं होगी।आप भारत के पहले ग्लास स्काईवॉक की सैर के लिए सिक्किम के पेलिंग कहे जाने वाले स्थान को देखें, जो कि चेनरेज़िग की 137 फीट की प्रतिमा के ठीक सामने स्थित है।सिक्किम हिमालय की गोद में बसा बेहद खूबसूरत स्थान है और ग्लास स्काईवॉक से यहां पर मौजूद बौद्ध तीर्थ स्थल का अद्भुत दृश्य रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है।यह ग्लास स्काईवॉक समुद्र तल से 72 सौ फीट की ऊंचाई पर स्थित है।जहां से आसपास और नीचे का सुंदर नजारे दिखाई देते है।

ग्लास स्काईवॉक पर्यटन को बढ़ावा देने में करता मदद—
सिक्किम में बनाए गए ग्लास स्काईवॉक लोकप्रिय धार्मिक स्थान पर पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करता है और यहां के बौद्ध धार्मिक स्थलों का आकर्षण बढ़ता है। स्थानीय लोक कथाओं के अनुसार, चेनरेज़िग या अवलोकितेश्वर को भगवान बुद्ध को अवतार के रूप में माना जाता है। पेलिंग में चोलिंग क्षेत्र में भगवान बुद्ध की मूर्ति का निर्माण 46.65 करोड़ की लागत से किया है।ऐसे में आप यह पर धार्मिक स्थालों के साथ रोमांचकारी जगह की सैर कर सकते है।

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