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क्या आपका भी बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो स्टडी रूम में करें ये बदलाव

वास्तुविज्ञान के मुताबिक अगर अध्ययन कक्ष सही दिशा मे न हो तो इससे बच्चे की पढ़ाई भी प्रभावित होती हैं वह जितनी चाहे मेहनत कर लें। मगर वास्तुदोष के कारण उसे मेहनत के अनुरूप परिणाम प्राप्त नहीं होता हैं इसलिए बच्चे के पढ़ने के लिए अध्ययन कक्ष में दिशा का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी
क्या आपका भी बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो स्टडी रूम में करें ये बदलाव

वास्तुविज्ञान के मुताबिक अगर अध्ययन कक्ष सही दिशा मे न हो तो इससे बच्चे की पढ़ाई भी प्रभावित होती हैं वह जितनी चाहे मेहनत कर लें। मगर वास्तुदोष के कारण उसे मेहनत के अनुरूप परिणाम प्राप्त नहीं होता हैं इसलिए बच्चे के पढ़ने के लिए अध्ययन कक्ष में दिशा का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता हैं। तो आज हम आपको कुछ वास्तुटिप्स बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।क्या आपका भी बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो स्टडी रूम में करें ये बदलाववास्तु नियमों के मुताबिक बच्चों के पढ़ने का कमरा उत्तर, पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में इस तरह होना चाहिए कि पढ़ाई करते वक्त चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहे। पढ़ने का कमरा भव के पश्चिम ​मध्य क्षेत्र में बनाना अच्छा माना जाता है इस दिशा में बुध, गुरु, चंद्र और शुक्र ग्रहों से उत्तम प्रभाव प्राप्त होता हैं क्या आपका भी बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो स्टडी रूम में करें ये बदलावइस दिशा के कक्ष में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को बुध से बुद्धि, गुरु से महत्वकांक्षा की वृद्धि होती हैं। अध्ययन कक्ष में खिड़की या रोशनदान पूर्व उत्तर या पश्चिम में होना श्रेष्ठ या दक्षिण में संभवतया नहीं रखें। अध्ययन कक्ष की रंग संयोजना सफेद, बादामी, फीका, आसमानी या हल्का फिरोजी रंग दीवारों पर और टेबल फर्नीचर पर श्रेष्ठ हैं काला, लाल, गहरा नीला रंग कमरे में नहीं होना चाहिए।क्या आपका भी बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो स्टडी रूम में करें ये बदलाव

स्टडी रूम का प्रवेश द्वार पूर्व उत्तर मध्य या पश्चिम में रहना चाहिए दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर वायव्य में नहीं होना चाहिए स्टडी रूम को अन्य रूम के जमीनी तल से ऊंचा या नीचा नहीं रखें। तल का ढाल पूर्व या उत्तर की ओर रखना जरूरी हैं। क्या आपका भी बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो स्टडी रूम में करें ये बदलावशौचालय के पास पढ़ने का कमरा कभी नहीं होना चाहिए पढ़ाई के लिए कमरे में पुस्तकों की रैक या अलमारी पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए अगर जगह की कमी के कारण बेडरूम में पढ़ाई करनी हो, तो पढ़ने वाली मेज, लाइब्रेरी और रैक पश्चिम या ​दक्षिण पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य में हो। मगर पढ़ते वक्त चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए।क्या आपका भी बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो स्टडी रूम में करें ये बदलाव

 

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