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भीलवाड़ा:कोरोना की गंभीरता समझें, एहतियात रखें:मां की मौत पर सुबकते रहे, अगले दिन पिता की भी सांस थमी…बेखबर बेटे भी अस्पताल में

पश्चिम बंगाल प्रवासी परिवार की यह कहानी संक्रमण के दाैर में दिल काे झकझोर देने वाली व अब भी लापरवाह लाेगाें काे चेताने के लिए काफी है। सेंती की ब्रहपुरी काॅलोनी में किराये रहने वाले 45-50 वर्षीय दंपती 15 वर्षीय दो बेटों को छोड़कर चल बसे।कोरोना को एक बार फिर हम हराएंगे जरूर पर इसके
भीलवाड़ा:कोरोना की गंभीरता समझें, एहतियात रखें:मां की मौत पर सुबकते रहे, अगले दिन पिता की भी सांस थमी…बेखबर बेटे भी अस्पताल में

पश्चिम बंगाल प्रवासी परिवार की यह कहानी संक्रमण के दाैर में दिल काे झकझोर देने वाली व अब भी लापरवाह लाेगाें काे चेताने के लिए काफी है। सेंती की ब्रहपुरी काॅलोनी में किराये रहने वाले 45-50 वर्षीय दंपती 15 वर्षीय दो बेटों को छोड़कर चल बसे।कोरोना को एक बार फिर हम हराएंगे जरूर पर इसके दर्द को ये मासूम शायद ही भूल पाएंगे। दोनों का कोविड प्राेटोकाल से अंतिम संस्कार हुआ। कुछ दिन से बीमार महिला की शनिवार सुबह 5 बजे घर में ही मौत हो गई थी। उसे बुखार, खांसी व सांस लेने में तकलीफ थी लेकिन कोविड जांच नहीं कराई थी।

पिता सहित दोनों बच्चे पूरे दिन व रातभर घर में सुबकते रहे। रविवार सुबह पति सुमित सेनगुप्ता की तबीयत भी बिगड़ने लगी।पुलिस व मेडिकल टीम पहुंची लेकिन पड़ाेसियों ने एंबुलेंस में शव मोक्षधाम ले जाकर अंतिम संस्कार किया था। पार्षद मुन्ना गुर्जर के अनुसार बच्चों के राेने की आवाज पर कुछ पड़ाेसी हिम्मत कर कमरे में गए।

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