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आपकी परेशानी का होगा जल्द ही अंत एक जैसे नाम वाली दवाएं अब होंगी गायब

दवा कंपनियां अब किसी प्रचलित ब्रांड से मिलते-जुलते नामों वाली नई दवाएं बाजार में नहीं उतार सकेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स नियमों में इससे जुड़ा नया प्रावधान जोड़ दिया है। इसके तहत दवा के लिए मंजूरी लेते समय दवा कंपनियों को एक शपथपत्र देना होगा। इसमें यह साफ करना होगा कि जिस दवा की अनुमति मांगी जा रही है.
आपकी परेशानी का होगा जल्द ही अंत एक जैसे नाम वाली दवाएं अब होंगी गायब

 

जयपुर । लोगों के लिए बीमारी जितनी परेशानी बनती है उतनी ही उसकी दवाएं भी बन जाती है उसका कारण होता है दवाओं का नाम लगभग एक जैसा होना । जैसे की निमोस्लाइड और नाइस , पेंटोसिड अंटोसिड और भी कई तरह की दवाए होती है जो की एक जैसेनाम की होती है । जिसके कारण रोगियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है ।आपकी परेशानी का होगा जल्द ही अंत एक जैसे नाम वाली दवाएं अब होंगी गायब

हर आदमी मेडिकल की भाषा नही जानता आज भी लोग बदन दर्द की दावा को हरी पन्नी की गोली क नाम से ही मांगते हैं । बुखार की नीली वाली गोली देना , पेट के लिए पीली गोली देना यहीओ ही सब्न करते हैं । ऐसे में एक जैसे नाम ना सिर्फ मरीज बल्कि दुकान दारों के लिए भी बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है । आज हम आपकी स परेसनी का बहूत ही अच्छा हल ले कर आए हैं ।आपकी परेशानी का होगा जल्द ही अंत एक जैसे नाम वाली दवाएं अब होंगी गायब

अब आप लोगों को इसके कारण बहुत ज्यादा परेशान होने की जरा भी जरूरत नही है । दवा कंपनियां अब किसी प्रचलित ब्रांड से मिलते-जुलते नामों वाली नई दवाएं बाजार में नहीं उतार सकेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स नियमों में इससे जुड़ा नया प्रावधान जोड़ दिया है। इसके तहत दवा के लिए मंजूरी लेते समय दवा कंपनियों को एक शपथपत्र देना होगा। इसमें यह साफ करना होगा कि जिस दवा की अनुमति मांगी जा रही है, उस नाम की या उससे मिलते-जुलते नाम का दवा पहले से बाजार में नहीं है।आपकी परेशानी का होगा जल्द ही अंत एक जैसे नाम वाली दवाएं अब होंगी गायब

ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स (13वां संशोधन) नियम 2019 के नाम से प्रकाशित इन नए नियमों में कहा गया है कि दवा विपणन की अनुमति मांगते वक्त फार्मा कंपनियों को एक घोषणा-पत्र देना होगा।

इसमें यह बताना होगा कि उन्होंने दवा का ब्रांड नेम तय करने से पहले ट्रेडमार्क रजिस्ट्री, ब्रांड नेम का केंद्रीय डाटा बेस, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के पास मौजूद दवाओं के ट्रेड नेम, संदर्भ पुस्तकों में मौजूद ड्रग फॉर्मूलेशन के नाम और इंटरनेट पर मौजूद दवाओं के नाम को खंगाला है।आपकी परेशानी का होगा जल्द ही अंत एक जैसे नाम वाली दवाएं अब होंगी गायब

साथ ही उनकी ओर से प्रस्तावित दवा का नाम या कोई मिलता-जुलता नाम पहले से मौजूद नहीं है और इससे बाजार में किसी प्रकार के भ्रम या धोखे की स्थिति नहीं बनेगी। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। इससे पहले, इसी साल फरवरी में मंत्रालय ने इस नियम से जुड़ा मसौदा जारी किया था और उस पर हितधारकों के सुझाव आमंत्रित किए थे।

 

दवा कंपनियां अब किसी प्रचलित ब्रांड से मिलते-जुलते नामों वाली नई दवाएं बाजार में नहीं उतार सकेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स नियमों में इससे जुड़ा नया प्रावधान जोड़ दिया है। इसके तहत दवा के लिए मंजूरी लेते समय दवा कंपनियों को एक शपथपत्र देना होगा। इसमें यह साफ करना होगा कि जिस दवा की अनुमति मांगी जा रही है. आपकी परेशानी का होगा जल्द ही अंत एक जैसे नाम वाली दवाएं अब होंगी गायब

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