नवरात्रि पूजा के दौरान भूलकर भी उपयोग में ना लें ऐसा लोटा
जयपुर। शारदीय नवरात्रि के रंग में जहा पूरा देश रंगा है तो इस समय कहीं गरबा तो कहीं दुर्गा पूजा चल रही है। सब भी लोग अपनी अपनी तरह से देवी को प्रसन्न करने में लगें है। ऐसे में हम देवी की पूजा को सफल बनाने के लिए कई प्रयास करते हैं लेकिन कई बार इन प्रयासों में कोई बड़ी भूल कर बैठते हैं जिसके कारण पूजा सफल नहीं हो पाती है बाद में पछताना पड़ता है।
नवरात्रि के दौरान पूजा में होने वाली भूल से बचने के लिए आज हम कुछ विशेष बता रहें हैं जिसे पूजा को दौरान ध्यान रखना जरुरी है जिससे पूजा में होने वाली भूल से बचा जा सकें। नवरात्र में देवी पूजा का उचित फल मिल सकें।
कभी कभी पूजा के दौरान कुछ ऐसी गलतियाँ हो जाती है जिससे पूजा का लाभ भी नही मिलता कभी कभी तो अंजाने में गलती इतनी बढ जाती हो जाती है जिसके कारण अपशकुन भी हो जाता है। आज इस लेख में नवरात्रि पूजा के दौरान प्रयोग किये जाने वाले लोटे के बारे में बता रहें है। पूजा में कौन सा लोटा प्रयोग में लाना चाहिए कौन सा प्रयोग में नहीं लाना चाहिए इस बारे में बता रहें हैं।
अलग अलग पूजा में पूजन साम्रगी अलग अलग होती है। ऐसे में पूजा करने के लिए हमें बर्तनों की भी आवश्यकता पड़ती है। जिसमें लोटा सबसे मेन होता है। लगभग सारी पूजा मे जल के लोटो की जरुरत पड़ती है। पूजा के नियमों के अनुसार और धार्मिक रिति रिवाज के अनुसार ऐसा माना जाता है कि किसी भी धार्मिक काम में स्टील, लोहा और एल्युमिनियम के बर्तनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए इन बर्तनों को अपवित्र माना जाता है।
पूजा में हमेशा इन बातों का ध्यान रखें की ऐसे बर्तनों का प्रयोग ना करें। इन बर्तनों को पूजा में वर्जित माना गया है। इसलिए पूजा के लिए हमेशा तांबे के या चांदी के बर्तन प्रयोग में लाया जाता है। इसके अतिरिक्त पूजा में तांबे के लोटो को रखना शुभ माना जाता है। इसलिये नवरात्रि में पूजा के दौरान तांबे के लोटे का प्रयोग करें।