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Breaking: सावन के सोमवार का वृत रखने वालों के लिए बुरी खबर, भगवान शिव हुए क्रोधित, होगा ये हाल अगर गलती से भी कर दिया इस दिन ये

आज से श्रावन माह की शुरूआत हो चुकी है और कहा जाता है कि इस माह के प्रत्येक सोमवार को जो भी पूरे विधि-विधान से शिव जी की पूजा करता है, उप पर भगवान की असीम कृपा बरसती है। सोमवार के व्रत को करने से हर दुख और परेशानियों से बचा जा सकता है। साथ
Breaking: सावन के सोमवार का वृत रखने वालों के लिए बुरी खबर, भगवान शिव हुए क्रोधित, होगा ये हाल अगर गलती से भी कर दिया इस दिन ये

आज से श्रावन माह की शुरूआत हो चुकी है और कहा जाता है कि इस माह के प्रत्येक सोमवार को जो भी पूरे विधि-विधान से शिव जी की पूजा करता है, उप पर भगवान की असीम कृपा बरसती है। सोमवार के व्रत को करने से हर दुख और परेशानियों से बचा जा सकता है। साथ ही सुखी और समृद्ध जीवन का लाभ मिलता है।

इस व्रत से बच्चों की बीमारी, दुर्घटना, अकाल मृत्यु और वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों को दूर किया जा सकता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि जो कन्याएं पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूर्ण विधी का पालन करते हुए सच्चे मन से इस व्रत को करती हैं उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और उनका वैवाहिक जीवन भी सुखद होता है।

इन बातों को रखें ध्यान :-
– जो भी इस व्रत को करे उसे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में कुछ काले तिल डालकर नहाना चाहिए।

– आम तौर पर भगवान शिव को जल या गंगाजल से अभिषेक कराया जाता है, लेकिन कुछ विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि पूर्ण की जाती है।

– भगवान शिव के अभिषेक के बाद ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन किया जाना चाहिए।

– यह भी मान्यता है कि भगवान शिव के अभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र या फिर भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप किया जाना चाहिए।

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abhishek

– शिव-पार्वती के पूजन के पश्चात व्रत कथा करें और उसके बाद आरती करके भोग लगाएं। इस भोग का भी अपना महत्व होता है, ऐसे में इसे घर-परिवार में सबको बांटने के पश्चात स्वयं ग्रहण करें।

– इस दिन में केवल एक समय नमक रहित भोजन ग्रहण करना चाहिए। व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करें। यदि पूरे दिन व्रत रखना सम्भव न हो तो सूर्यास्त तक भी व्रत कर सकते हैं।

ऐसा करने पर भगवान शिव हो सकते हैं नाराज :-
आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में दूध को चंद्र ग्रह से संबंधित माना जाता है, इसकी वजह यह है कि दूध और चंद्र दोनों की प्रकृति शीतलता प्रदान करने वाली होती है। ऐसे में चंद्र ग्रह से संबंधित समस्त दोषों का निवारण करने के लिए सोमवार को महादेव पर दूध अर्पित किया जाता है।

अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो तो शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध ही अर्पित करें। ताजा दूध ही प्रयोग में लाएं, डिब्बा बंद अथवा पैकेट का दूध अर्पित न करें। इससे भोलेनाथ की कृपा आप पर बरसती रहेगी और आपको मनचाहा वरदान प्राप्त होगा।

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