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आप भी करने जा रहे हैं बॉडी पर कलर टैटू तो पहले जरूर जान लें ये बाते

टैटू बनाने के लिए कलर्ड चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें मेटल्स होते हैं। यही मेटल्स सुईं से बॉडी में बहने लगते हैं। दरअसल, इसमें सफेद रंग की स्याही का यूज किया जाता है, जिसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड कहा जाता है और इसे अक्सर ब्लू, ग्रीन और रेड जैसे ब्राइट कलर्स से मिलाया जाता है।खास बात यह है कि इस तरह की एलर्जी का ट्रीटमेंट भी आसान नहीं होता।
आप भी करने जा रहे हैं बॉडी पर कलर टैटू तो पहले जरूर जान लें ये बाते

 

जयपुर । आज कल बालों को रंगने के साथ ही शरीर को रंगने का भी चलन बढ़ चला है । शरीर  पर टेटू बनाने  का चलन काफी समय से चलता ही आ रहा है पर आज इसका चलन इतना ज्यादा बढ़ चला है की लोग अब इसका कलर्ड लूक अपना रहे है ।आप भी करने जा रहे हैं बॉडी पर कलर टैटू तो पहले जरूर जान लें ये बाते

हाल ही में आई एक स्डटी के बाद इस वैज्ञानिक का कहना है कि कलर्ड टैटू आपके लिम्फ नोड्स में भारी केमिकल्स का रिसाव कर सकते हैं और बॉडी में अपनी स्याही से एलर्जी पैदा कर सकते हैं। इस स्टडी के बाद यह साबित हुआ है कि टैटू बनाने वाली सुईं से छोटे-छोटे मेटल के कण आपकी स्किन में प्रवेश करते हैं और लिम्फ नोड्स में घूमने लगते हैं, जिससे आपको कई तरह की एलर्जी हो सकती है। खास बात यह है कि इस तरह की एलर्जी का ट्रीटमेंट भी आसान नहीं होता।आप भी करने जा रहे हैं बॉडी पर कलर टैटू तो पहले जरूर जान लें ये बाते

लिम्फ नोड (इम्यून सिस्टम का एक पार्ट) है, जिसमें मेटल्स के छोटे कण पाए गए हैं। यह स्टडी 850 लोगों पर की गई। फ्रांस के ग्रेनोबल में यूरोपियन सिंक्रोट्रॉन रेडिएशन फसिलिटी के साइंटिस्ट ने टैटू बनवाने वाले लोगों के लिम्फ नोड में क्रोमियम धातुएं पाईं। ये धातुएं एलर्जी पैदा करने वाली होती हैं।आप भी करने जा रहे हैं बॉडी पर कलर टैटू तो पहले जरूर जान लें ये बाते

टैटू बनाने के लिए कलर्ड चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें मेटल्स होते हैं। यही मेटल्स सुईं से बॉडी में बहने लगते हैं। दरअसल, इसमें सफेद रंग की स्याही का यूज किया जाता है, जिसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड कहा जाता है और इसे अक्सर ब्लू, ग्रीन और रेड जैसे ब्राइट कलर्स से मिलाया जाता है।आप भी करने जा रहे हैं बॉडी पर कलर टैटू तो पहले जरूर जान लें ये बाते

टैटू बनाने के लिए कलर्ड चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें मेटल्स होते हैं। यही मेटल्स सुईं से बॉडी में बहने लगते हैं। दरअसल, इसमें सफेद रंग की स्याही का यूज किया जाता है, जिसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड कहा जाता है और इसे अक्सर ब्लू, ग्रीन और रेड जैसे ब्राइट कलर्स से मिलाया जाता है।खास बात यह है कि इस तरह की एलर्जी का ट्रीटमेंट भी आसान नहीं होता। आप भी करने जा रहे हैं बॉडी पर कलर टैटू तो पहले जरूर जान लें ये बाते

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