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सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

कुंडली में सूर्य की स्थिति अशुभ है तो इसके कारण आत्मविश्वास में कमी के साथ ही नकारात्मकता हावी होती है। साथ ही आंखों की रोशनी, स्नायु तंत्र, ह्रदय रोग और रक्त संबंधी समस्याओं रहती है। ससे बचने के लिए नियमित रूप से सूर्य नमस्कार, अनुलोम – विलोम और अग्निसार आदि योग करना चाहिए। चंद्रमा के लिए योगासन – चंद्रमा की कमजोर स्थिति को कारण हमेशा तनाव और बेचैनी का एहसास होता है। व्यक्ति अपने को चंद्रमा की मजबूत स्थिति से बचाने के लिए नियमित रुप से अनुलोम–विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम कर सकता है।
सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

जयपुर। सनातन धर्म में शास्त्रों में जीवन जीने के तौर तरीके दिये हैं तो साथ मे ही स्वस्थ्य जीवन के लिए कुछ नियम भी बनाए गये हैं। वैसे भी आज के दौड़ भाग भरी जिंदगी में लोगो के पास स्वस्थ्य जीवन जीने का समय ही कहा बचा है, ऐसे में अगर सुबह के समय का आधा घंटा भी हम लोग अपने लिए निकाले तो इसके आधार पर हम स्वस्थ्य जीवन की कल्पना को साकार कर सकते हैं।

हर साल की तरह इस साल भी 21 जून के दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा साथ ही इस दिन लोगो को स्वस्थ्य लाइफ जीने के लिए प्रेरित किया जाएगा। वैसे तो पुराने समय से ही हमारे ऋषि-मुनि योग के जरिए अपने को निरोगी रखते थे। इसी योग को आम लोगों तक पहुचाकर जन जन में स्वास्थ्य क्रांति जगाने की कोशिश की जा रही है। आज हम इस लेख में योग दिवस के दिन योगासन के माध्यम से ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कैसे दूर किया जा सकता है इस बारे में बता रहें हैं, जिससे ग्रहों से होने वाली शारीरिक समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।

सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

सूर्य के लिए योगासन –  अगर कुंडली में सूर्य की स्थिति अशुभ है तो इसके कारण आत्मविश्वास में कमी के साथ ही नकारात्मकता हावी होती है। साथ ही आंखों की रोशनी, स्नायु तंत्र, ह्रदय रोग और रक्त संबंधी समस्याओं रहती है। ससे बचने के लिए नियमित रूप से सूर्य नमस्कार, अनुलोम – विलोम और अग्निसार आदि योग करना चाहिए।

चंद्रमा के लिए योगासन – चंद्रमा की कमजोर स्थिति को कारण हमेशा तनाव और बेचैनी का एहसास होता है। व्यक्ति अपने को चंद्रमा की मजबूत स्थिति से बचाने के लिए नियमित रुप से अनुलोम–विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम कर सकता है, इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी भी पीएं।

सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

मंगल के लिए योगासन – कुंडली के कमजोर मंगल के नकारात्मक प्रभाव से जीवन में अस्थिरता बनी रहती है। इसके कारण जीवन में कभी किसी चीज की काफी अधिकता तो काफी कमी हो जाती है। मंगल के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए पद्मासन, मयूरासन और शीतलीकरण प्राणायाम करें।

बुध के लिए योगासन – बुध के नकारात्मक प्रभाव से लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए नियमित रुप से अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और भस्त्रिका योगसन को करना चाहिए।

सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

बृहस्पति के लिए योगासन – कुंडली में कमजोर गुरु के कारण बीमारियों का सामना करना पडता है इसके कारण से डायबिटिज और कैंसर जैसे रोग होते हैं। इससे बाचव के लिए नियमित रुप से कपाल भाति, सर्वांगासन और अग्निसार के साथ ही सूर्य नमस्कार करें।

शुक्र के लिए योगासन – कमजोर शुक्र कुंडली मे है तो इसके कारण व्यक्तिगत समस्याएं आती हैं व महिलाओं को भी कई तरह के रोग होते हैं। इससे बचाव के लिए नियमित रुप से धनुरासन, हलासन और मूलबंध योगासन करें।

सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

शनि के लिए योगासन – कुड़ली में शनि के नकारात्मक प्रभाव के कारण गैस्ट्रिक, एसिडिटी, आर्थराइटिस, उच्च रक्तचाप और  ह्रदय संबंधी रोग परेशान करते हैं, इससे बचने के लिए कपाल भांति, अनुलोम – विलोम, अग्निसार और भ्रामरी योगासन करना चाहिए।

राहु के लिए योगासन – राहु का कुंडली में नकारात्मक प्रभाव होने से सोचने – समझने की शक्ति पर असर डलता है, इसके लिए अनुलोम – विलोम, भ्रामरी और भस्त्रिका योगसन से लाभ मिलेगा।

सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

केतु के लिए योगासन – केतु के नकारात्मक प्रभाव से एनिमिया के साथ ही बवासीर, पेट के रोग औऱ स्नायु तंत्र से संबंधी परेशानियां होती है। इससे बचने के लिए अनुलोम–विलोम और कपालभाती करना लाभकारी होता है।

कुंडली में सूर्य की स्थिति अशुभ है तो इसके कारण आत्मविश्वास में कमी के साथ ही नकारात्मकता हावी होती है। साथ ही आंखों की रोशनी, स्नायु तंत्र, ह्रदय रोग और रक्त संबंधी समस्याओं रहती है। ससे बचने के लिए नियमित रूप से सूर्य नमस्कार, अनुलोम – विलोम और अग्निसार आदि योग करना चाहिए। चंद्रमा के लिए योगासन – चंद्रमा की कमजोर स्थिति को कारण हमेशा तनाव और बेचैनी का एहसास होता है। व्यक्ति अपने को चंद्रमा की मजबूत स्थिति से बचाने के लिए नियमित रुप से अनुलोम–विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम कर सकता है। सूर्य व चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए जानें उचित योगसन

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