टीकाकरण में अपनी सहभागिता निभा कर 100% परिणाम देता है मेक इन पिंक
जयपुर । 23 अप्रेल से 30 अप्रेल तक विश्व टीकाकारण सप्ताह का आगाज हो रहा है । इस पूरे सप्ताह हर तरह के टीकों की जानकारी की जागरुका से ले कर उनको लगवाए जाने की ज़िम्मेदारी होती है । गर्भ से ले कर बच्चे के बड़े हो जाने तक कई टीके लगाए जाते हैं जो की उनको कई बीमारियों से बचते हैं । उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने और उनको बीमारियों से बचाने के लिए इन टीको का लगना बहुत ही जरूरी होता है ।
हमारे देश में ऐसे बहुत सारे इलाके हैं, जहां सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालों की सुविधा उपलब्ध नहीं है। दूर-दराज के इलाकों में लोग स्वास्थ्य के प्रति इतने जागरूक भी नहीं हैं, कि वो स्वयं अपने बच्चों को अस्पताल ले जाकर टीका लगवाएं। इसके लिए आशा, आंगनबाड़ी और लोकल हेल्थ वर्कर्स की मदद से लोगों को टीकाकरण के बारे में जागरूक किया जाता है और बच्चों को टीके लगाए जाते हैं। दूर-दराज के ऐसे इलाकों तक सही समय पर ये टीके पहुंच जाएं, इसके लिए अल्टरनेट वैक्सीन डिलीवरी सिस्टम (एवीडीएस) बनाया गया है ।
मध्य प्रदेश के ऐसे मुश्किल इलाके जहां स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना एक चुनौती से कम नहीं था, वहां जिला प्रशासन ने सभी बच्चों तक जरूरी वैक्सीन पहुंचाने के लिए एक नायाब तरीका निकाला है। इस इलाके में काम करने वाले एवीडीएस कर्मचारियों को ‘मेन इन पिंक’ के नाम से जाना जाता है। इसका कारण यह है कि लोगों को जागरूक करने के लिए और उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए ये कर्मचारी वहां गुलाबी शर्ट पहनकर जाते हैं। गुलाबी शर्ट वाले इन जोश से भरे कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश में 100% टीकाकरण के मिशन इंद्रधनुष को काफी मदद दी है।
दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन पहुंचाना आसान नहीं होता है। मध्य प्रदेश के बरवानी और अलीराजपुर ऐसे ही इलाके हैं। पहाड़ियों पर बसे छोटे-छोटे गांवों में पहुंचने के लिए पहले नाव का सफर, इसके बाद ऊंचे-नीचे पथरीले रास्तों पर बाइक या पैदल सफर करके ही यहां तक पहुंचा जा सकता है। इन इलाकों में वैक्सीन पहुंचाने के लिए एवीडीएस के कर्मचारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।