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World Youth Boxing के लिए शानदार वार्मअप है महिला टीम की सफलता : कोच

भारतीय मुक्केबाजी टीम के कोच भास्कर भट्ट ने सोमवार को कहा कि मोंटेनेग्रो के बुडवा में 30वें एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट में भारतीय मुक्केबाजी टीम का शानदार प्रदर्शन, अगले महीने पोलैंड में होने वाली विश्व युवा चैंपियनशिप के लिए हमारी तैयारी की दिशा में पहला कदम है। 19 सदस्यीय भारतीय मुक्केबाजी टीम, जिसमें 10 महिलाएं शामिल
World Youth Boxing के लिए शानदार वार्मअप है महिला टीम की सफलता : कोच

भारतीय मुक्केबाजी टीम के कोच भास्कर भट्ट ने सोमवार को कहा कि मोंटेनेग्रो के बुडवा में 30वें एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट में भारतीय मुक्केबाजी टीम का शानदार प्रदर्शन, अगले महीने पोलैंड में होने वाली विश्व युवा चैंपियनशिप के लिए हमारी तैयारी की दिशा में पहला कदम है। 19 सदस्यीय भारतीय मुक्केबाजी टीम, जिसमें 10 महिलाएं शामिल थीं, ने अपने कौशल का अच्छा खासा प्रदर्शन करते हुए 12 पदक जीते। इसमें महिलाओं के 10 पदक शामिल हैं। महिलाओं ने भी सभी पांच स्वर्ण पदक जीते जबकि दो पदक पुरुषों ने जीते। शेष रजत और कांस्य महिलाओं ने जीते थे। 18 साल से कम उम्र के मुक्केबाजों वाली महिला टीम को ‘टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ टीम’ भी घोषित किया गया।

कोविड के कारण लागू लॉकडाउन के कारण एक वर्ष से अधिक समय के बाद वैश्विक प्रतियोगिता फिर से शुरू होने के साथ, टीम के साथ गए भारतीय अधिकारियों ने सुनिश्चित किया कि मुख्य प्रतियोगिता से अलग प्रशिक्षण सत्र होने से युवाओं को छह दिनों के लंबे अंतरराष्ट्रीय दौरे का अधिकतम लाभ मिले।

भारतीय टीम के कोच भास्कर भट्ट ने आईएएनएस को बताया कि मुक्केबाजों को अन्य देशों के खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षण का अवसर मिला और इसका उन्हें सीधा फायदा मिला।

घोष ने कहा, हमने फिनलैंड, उज्बेकिस्तान और यूक्रेन जैसी टीमों के साथ स्पेरिंग सत्र की व्यवस्था करने का प्रयास किया। जिन भारतीयों ने अपने मैचों को समाप्त कर लिया था, उनके साथ रोजाना एक घंटे का स्पेरिंग सत्र था। इसका उद्देश्य जितना संभव हो उतना अनुभव प्राप्त करना था। यह हमारे लिए बहुत फायदेमंद था।

भारत की महिला मुक्केबाजों ने टूर्नामेंट के अंतिम दिन दो स्वर्ण पदक पक्के किए। अंतिम दिन की सफलता के बूते भारतीय महिला दल ने पदक तालिका में कुल 10 पदकों के साथ पहला स्थान हासिल कर अपने लिए नया कीर्तिमान स्थापित किया।

बेबीरोजीसाना चानू ने 51 किग्रा वर्ग में और अरुं धति चौधरी ने 69 किग्रा वर्ग में स्वर्ण हासिल किया जबकि लकी राणा ने रजत पदक हासिल किया। इन सबकी सफलता के बूते भारतीय महिलाएं कुल 10 पदकों (पांच स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य) के साथ टॉप टीम के तौर पर उभरीं। उज्बेकिस्तान ने दो स्वर्ण के साथ दूसरा और चेक गणराज्य ने एक स्वर्ण के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

अल्फिया पठान (प्लस 81), विंका (60) और टी. सानामाचा चानू (75 किग्रा) अन्य भारतीय महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में इससे पहले अपने-अपने वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किए थे। अपने शानदार प्रदर्शन के लिए, विंका को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ महिला मुक्केबाज का पुरस्कार मिला।

पुरुष वर्ग में दो पदकों के साथ, 19-सदस्यीय भारतीय मुक्केबाजी टीम ने अपने अभियान का समापन कुल 12 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहते हुए किया। उज्बेकिस्तान और यूक्रेन ने समग्र रूप से क्रमश: पहले और तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया।

श्रयूज सत्रोत आईएएनएस

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