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कम उम्र में भी हो सकती है महिलाओं को यह गंभीर बीमारी , क्या है कारण

15 से 40 साल की उम्र के लोगों को इसका खतरा अधिक रहता है, खासकर महिलाओं को। हालांकि कुछ ऐसे अन्य कारक भी है, जो ल्यूपस के खतरे को बढ़ाते हैं। सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से भी त्वचा पर ल्यूपस के घाव बन सकते हैं। दरअसल, धूप कुछ अतिसंवेदनशील लोगों में अंदरूनी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करती है, जिससे ल्यूपस विकसित होने लगता है।
कम उम्र में भी हो सकती है महिलाओं को यह गंभीर बीमारी , क्या है कारण

जयपुर । हमारे देश में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं किसी  न किसी रोग के कारण अपनी जान गंवा बैठती है । इतना ही नही देखा जाये तो हमरे देश मेव्न यह बहुत ही बड़ी विडम्बना है की महिलाएं बीमारियों से ज्यादा ग्रसित होती है और वह किसी को ऐसी बातें बताना भी पसंद नहीं करती उनका यही शर्म लिहाज उनकी जान का दुशमन बन बैठता है ।कम उम्र में भी हो सकती है महिलाओं को यह गंभीर बीमारी , क्या है कारण

आज हम बात कर महिलाओं में होने वाली ऐसी बीमारी के बारे में जो इस समाय बहुत ही तेज़ी से बढ़ रही है । कई कई महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो चुकी हैं आज हम आपको इसी बीमारिके बारे मे सचेत करने जा रहे हैं जिसको  जान कर आप भी अपनी जिंदगी को इस परेशानी से बचा सकें ।कम उम्र में भी हो सकती है महिलाओं को यह गंभीर बीमारी , क्या है कारण

सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमैटोसस (एसएलई) एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो अधिकतर महिलाओं में देखने को मिल रही है। अगर हालात बिगड़ जाए तो इससे दिल, फेफड़े, किडनी और दिमाग को भी नुकसान पहुंच सकता है। इतना ही नहीं, इसके कारण व्यक्ति का जान भी जा सकती है। एसएलई का अभी तक कोई पक्का इलाज सामने नहीं आया है लेकिन समय रहते लक्षणों की पहचान करके बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।

कम उम्र में भी हो सकती है महिलाओं को यह गंभीर बीमारी , क्या है कारण

क्या है एसएलई या ल्यूपस?

इम्यून सिस्टम इंफैक्शन एजेंट, बैक्टीरिया और बाहरी रोगाणुओें से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडीज बनाता है। मगर एसएलई यानी ल्यूपस वाले लोगों के खून में ऑटोएंटीबॉडीज बनने लगती हैं, जो संक्रामक से लड़ने की बजाए शरीर के स्वस्थ ऊतकों और अंगों पर हमला करते हैं।

कम उम्र में भी हो सकती है महिलाओं को यह गंभीर बीमारी , क्या है कारण

क्या है इसका कारण ?

15 से 40 साल की उम्र के लोगों को इसका खतरा अधिक रहता है, खासकर महिलाओं को। हालांकि कुछ ऐसे अन्य कारक भी है, जो ल्यूपस के खतरे को बढ़ाते हैं। सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से भी त्वचा पर ल्यूपस के घाव बन सकते हैं। दरअसल, धूप कुछ अतिसंवेदनशील लोगों में अंदरूनी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करती है, जिससे ल्यूपस विकसित होने लगता है। साथ ही इंफैक्शन और कुछ दवाएं जैसे एंटी-सीजर, एंटीबायोटिक्स और ब्लड प्रेशर की मेडिसन भी इस बीमारी का खतरा बढ़ाते हैं।

 

 

 

15 से 40 साल की उम्र के लोगों को इसका खतरा अधिक रहता है, खासकर महिलाओं को। हालांकि कुछ ऐसे अन्य कारक भी है, जो ल्यूपस के खतरे को बढ़ाते हैं। सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से भी त्वचा पर ल्यूपस के घाव बन सकते हैं। दरअसल, धूप कुछ अतिसंवेदनशील लोगों में अंदरूनी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करती है, जिससे ल्यूपस विकसित होने लगता है। कम उम्र में भी हो सकती है महिलाओं को यह गंभीर बीमारी , क्या है कारण

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