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पानी के भीतर बिंदास होकर घूम सकेगा इंसान, जानिए इस नई तकनीक के बारे में

जलीय जीवों की भांति पानी के भीतर लंबे समय तक रह पाने की कल्पना सदियों से इंसान के मन में हमेशा से ही रोमांच का विषय रही है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस कल्पना को वास्तविकता में बदल दिया है। दरअसल डेनमार्क के सिडांस्क विश्वविद्यालय में एक ताजा शोध हुआ है, जिसमें एक विशिष्ट पदार्थ बनाया
पानी के भीतर बिंदास होकर घूम सकेगा इंसान, जानिए इस नई तकनीक के बारे में

जलीय जीवों की भांति पानी के भीतर लंबे समय तक रह पाने की कल्पना सदियों से इंसान के मन में हमेशा से ही रोमांच का विषय रही है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस कल्पना को वास्तविकता में बदल दिया है। दरअसल डेनमार्क के सिडांस्क विश्वविद्यालय में एक ताजा शोध हुआ है, जिसमें एक विशिष्ट पदार्थ बनाया गया है जो पानी में इंसान को सुरक्षित रखेगा। प्रोफेंसर क्रिस्टीन मैकेंजी ने एक्वामैन नामक एक अनोखा क्रिस्टल तैयार किया है। इसकी सहायता से बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन को महफूज़ करके रखा जा सकेगा।

पानी के भीतर बिंदास होकर घूम सकेगा इंसान, जानिए इस नई तकनीक के बारे में

यह स्पेशल क्रिस्टल पानी के अदंर ऑक्सीजन की आपूर्ति कई घंटों तक कर सकता है। इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ गोताखोंरो को होगा। आम तौर पर गोताखोर गहरे पानी में उतरते हुए ऑक्सीजन का भारी भरकम सिलेंडर अपने कंधों पर ढोकर ले जाते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया है कि सामान्य तौर पर पाई जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा से कई गुना ज्यादा घनत्व इन क्रिस्टलों में कई घंटों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इस क्रिस्टल में ऑक्सीजन को संपीडित रूप में रखा जा सकता है।

पानी के भीतर बिंदास होकर घूम सकेगा इंसान, जानिए इस नई तकनीक के बारे में

इन क्रिस्टलों की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह पानी में उपस्थित आक्सीजन को भी निरंतर सोखते रहते हैं। ऐसे में इन क्रिस्टल्स की मदद से गोताखोरों को सांस लेने भर की ऑक्सीजन हमेशा मिलती रह सकती है। उन्होंने कहा कि इन क्रिस्टलों में एक ऑक्सीजन टैंक की तीन गुना ज्यादा ऑक्सीजन रखी जा सकती है। इस तरह के विशिष्ट क्रिस्टल को सक्रिय करने के लिये तापमान में थोड़ी वृद्धि की जाती है। तापमान बढ़तो ही क्रिस्टल से ऑक्सीजन निकलना शुरू हो जाती है।

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शोधकर्ताओं ने इन क्रिस्टल्स पर प्रकाश के प्रभाव का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। ताकि प्रकाश से मिलने वाली तापीय ऊर्जा से भी इन क्रिस्टलों को सक्रिय करके ऑक्सीजन उत्पन्न की जा सके। हालांकि अभी तक यह प्रयोग अपने शुरूआती चरण में है। आने वाले समय में इन क्रिस्टल्स की मदद से पानी में लंबे समय तक रहा जा सकेगा।

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