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अब प्लास्टिक की बोतल को जलपात्र में बदलेगी यह समुद्री वनस्पति

जयपुर। आज के इस दौर में प्लास्टिक कचरे की समस्या एक बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी है। हर तरफ प्लास्टिक की पैकिंग काम में लिए जाने से धरती पर निंरतर प्रदूषण फैल रहा है। आजकल लोग खाद्य सामग्री भी प्लास्टिक के ही बर्तनों में परोसने लग गए हैं। इससे काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि
अब प्लास्टिक की बोतल को जलपात्र में बदलेगी यह समुद्री वनस्पति

जयपुर। आज के इस दौर में प्लास्टिक कचरे की समस्या एक बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी है। हर तरफ प्लास्टिक की पैकिंग काम में लिए जाने से धरती पर निंरतर प्रदूषण फैल रहा है। आजकल लोग खाद्य सामग्री भी प्लास्टिक के ही बर्तनों में परोसने लग गए हैं। इससे काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि शोधकर्ता लगातार इस समस्या से निजात पाने के लिए कककनियाभर शोध कर रहे हैं। प्लास्टिक कचरे में बोतलें सबसे ज्यादा अपनी भूमिका निभा रही हैं।अब प्लास्टिक की बोतल को जलपात्र में बदलेगी यह समुद्री वनस्पति

ऐसे में वैज्ञानिक और उद्यमी मिलकर इस समस्या का हल खोजने में लगे हुए हैं। इसी दिशा में हाल ही में हैदराबाद के शोधकर्ता नारायण पीसपति ने मोटे अनाज के आटे की मदद से खाने में काम में आने वाला चम्मच बना लिया है। खास बात यह है कि इस चमच्च को खाना खाने के बाद थाली में रखने की जरूरत नहीं है। यानी यह चम्मच भी खाने के बाद खाया जा सकेगा।अब प्लास्टिक की बोतल को जलपात्र में बदलेगी यह समुद्री वनस्पति

इसी कड़ी में ब्रिटेन की एक स्टार्ट-अप कंपनी ने भी समुद्री शैवाल की मदद से पानी का बर्तन बनाने में सफलता हासिल कर ली है। बता दे कि वर्तमान दौर में प्लास्टिक कचरा एक वैश्विक समस्या बन चुका है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों के पाए जाने की बात सामने आई थी। प्लास्टिक की बोतल काम में लेने से उपभोक्ताओं की सेहत पर गंभीर खतरा हो सकता है।अब प्लास्टिक की बोतल को जलपात्र में बदलेगी यह समुद्री वनस्पति

हम आपको बता दे कि ब्रिटेन की एक कंपनी ने हाल ही में समुद्री शैवाल से पैकेजिंग सामग्री बना ली है। इस तरह की सामग्री में बर्गर और नूडल को बेहतर तरीके से पैक किया जा सकेगा। साथ ही बाद में उस पैकिंग को भी खाया जा सकेगा। इस तरह की पैकिंग सामग्री खास तरह की समुद्री घास और शैवाल से बनाई गई है।

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