क्या Toyota अब भारत में अधिक विस्तार को नहीं देगा प्राथमिकता ?

हाल के समय में टोयोटा मोटर कॉर्प देश में चल रही उच्च कर व्यवस्था के कारण भारत में और अधिक विस्तार नहीं करने पर विचार कर रही है। सरकार ने कारों और मोटरबाइकों पर करों को इतना अधिक रख दिया है कि कंपनियों को इसका निर्माण करने में अब और पहले से कहीं अधिक मुसीबतों को सामना करना पड़ रहा है ।
इसके अन्तर्गरत टोयोटा की स्थानीय इकाई, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष शेकर विश्वनाथन ने अपने बयान में यह कहा की उच्च कर की वसूली ने कार और उसके निर्माण में लग रही लागत से उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर कर दिया है , जिसके कारण से कारखाने अभी भी बेकार पड़े हुए हैं और साथ ही नौकरियां भी नहीं मिल रही हैं।
टोयोटा, दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनियों में से एक मानी जाती है, जिसने 1997 में भारत में अपना परिचालन शुरू कर दिया था। इसकी स्थानीय इकाई के स्वामित्व की बात करें तो जापानी कंपनी के पास 89% की हिस्सेदारी है।भारत में मोटर वाहन जिनमें कार, दोपहिया और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन शामिल हैं, इन सभी के करों को 28% तक बढ़ा दिया गया हैं।
भारत मैन्युफैक्चरिंग की स्थापना और फर्मों को आकर्षित करने के लिए 23 बिलियन डॉलर के प्रोत्साहन को पेश करने की योजना को बनाया है। आपकों बतादें की जनरल मोटर्स कंपनी ने भी 2017 में देश छोड़ दिया जबकि फोर्ड मोटर कंपनी पिछले साल खरीदारों के लिए दो दशकों से अधिक समय तक संघर्ष करने के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में व्यापर में सहमत हुई।