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करना होगा एक बहुत ही छोटा सा काम और हो जाएगा केलेस्ट्रोल की परेशानी का

कलेस्ट्रॉल सिर्फ खतरनाक नहीं होता, यह हमारे शरीर की जरूरत है। जो वास्तव में एक केमिकल कंपाउड है और हमारे लीवर में होता है। यह इसकी जरूरत नई सेल्स के बनने और हॉर्मोंस मैनेजमेंट में होती है। लेकिन अगर यह अपनी सीमा से अधिक बढ़ जाए तो हमें परेशानी होती है।
करना होगा एक बहुत ही छोटा सा काम और हो जाएगा केलेस्ट्रोल की परेशानी का

 

जयपुर । आज कल की जिस तरह की ज्जीवन शेली हमारी हो चली है उसके चलते बीमारियाँ भी होती ही जा रही है । इसके साथ ही हमारा खानपान भी कुछ ऐसा हो चला है की इसके कारण भी कई तरह की सेहत से जुड़ी परेशानियाँ होने लगी है ।करना होगा एक बहुत ही छोटा सा काम और हो जाएगा केलेस्ट्रोल की परेशानी का

आज केलेस्ट्रोल की परेशानी लगभग लोगों हो रही है । यह आज के युवाओं में  भी बहुत हद तक पाई जा रही है । इसके कारण कम उम्र में  ही लोगों को दिल का दौरा पड़ने किया आए दिन खबर आ रही है । आइये आज हम आपको इससे बचने का बहुत ही आसान और बहुत ही अच्छा तरीका बताने जा रहे हैं आइये जानते हैं इस बारे ।करना होगा एक बहुत ही छोटा सा काम और हो जाएगा केलेस्ट्रोल की परेशानी का

कलेस्ट्रॉल सिर्फ खतरनाक नहीं होता, यह हमारे शरीर की जरूरत है। जो वास्तव में एक केमिकल कंपाउड है और हमारे लीवर में होता है। यह इसकी जरूरत नई सेल्स के बनने और हॉर्मोंस मैनेजमेंट में होती है। लेकिन अगर यह अपनी सीमा से अधिक बढ़ जाए तो हमें परेशानी होती है।करना होगा एक बहुत ही छोटा सा काम और हो जाएगा केलेस्ट्रोल की परेशानी का

कलेस्ट्रॉल बढ़ने की दिक्कत तब होती है जब हम कुछ ऐसे काम करते हैं, जिन्हें हमारी बॉडी आसानी से स्वीकार नहीं कर पाती। इनमें बहुत अधिक फास्ट फूड का सेवन, साथ ही ओवर इटिंग भी शामिल है। इससे लिवर पर असर पड़ता है।करना होगा एक बहुत ही छोटा सा काम और हो जाएगा केलेस्ट्रोल की परेशानी का

कलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में बढ़ गई है, इस बात का पता अचानक किसी बीमारी के रूप में ही चलता है। क्योंकि हाई कलेस्ट्रॉल के ऐसे कुछ सिम्टम्स नहीं होते हैं कि उन्हें पहचाना जा सके। सिर्फ ब्लड टेस्ट के जरिए ही इस बारे में पता चल सकता है। इसलिए 25 साल की उम्र के बाद हर साल एक बार कंप्लीट बॉडी चेकअप या ब्लड टेस्ट्स जरूर कराने चाहिए।

कलेस्ट्रॉल सिर्फ खतरनाक नहीं होता, यह हमारे शरीर की जरूरत है। जो वास्तव में एक केमिकल कंपाउड है और हमारे लीवर में होता है। यह इसकी जरूरत नई सेल्स के बनने और हॉर्मोंस मैनेजमेंट में होती है। लेकिन अगर यह अपनी सीमा से अधिक बढ़ जाए तो हमें परेशानी होती है। करना होगा एक बहुत ही छोटा सा काम और हो जाएगा केलेस्ट्रोल की परेशानी का

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