उबासी कहो या जम्हाई, इसके पीछे छुपा है एक वैज्ञानिक कारण
जयपुर। अक्सर हस जब उबासी लेते है तो इसका मतलब यही समझा जाता है कि हमें आराम की जरूरत है, या फिर भूख लग रही है। मगर आपको बता दे कि यह एक नेचुरल प्रक्रिया है जो कि हम सबकी लाइफ का एक जरूरी हिस्सा है। इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी जम्हाई लेते हैं। दरअसल यह एक अनियंत्रित प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिस पर किसी का वश नहीं चलता है।
हालांकि उबासी लेने का वक्त सबके लिए अलग अलग होता है। साथ ही जम्हाई के दौरान कितनी देर तक मुंह खुला रहेगा, यह भी सबके लिए एक समान नहीं होता है। कोई बहुत देर तक अपने मुंह को फाड़े खड़ा रहता है तो कोई अपनी माउथ गुल्लक बड़ी जल्दी बंद कर लेता है। मनोवैज्ञानिक भाषा में उबासी लेने का मतलब आप उस काम से ऊब चुके हैं। यह एक तरह का संकेत होता है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उबासी लेते वक्त शरीर में कई तरह के रासायनिक परिवर्तन होते हैं। हाल ही में एक शोध से कुछ नए तथ्य पता चले हैं। दरअसल एक अस्पताल ने कई महीने तक मांओं के पेट में पल रहे शिशुओं की गर्भ में ही सोनोग्राफी तकनीक की मदद से उबासियाँ रिकॉर्ड की थी। इन आंकडों से यह पता चला है कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। इस पर किसी इंसान का कोई कंट्रोल नहीं होता है।
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जब हम उबासी लेते हैं तो हमारे शरीर के कई अंग बहुत तेजी से काम करने लग जाते हैं। क्योंकि एक जम्हाई लेने के दौरान सबसे पहले हमारा मुंह खुलता है और जितना मुमकिन हो हवा शरीर में चली जाती है। इसके बाद हम सांस लेते हैं तो हवा फेफड़ों में भर जाती है। इस वजह से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। तो कहने का मतलब यह है कि उबासी लेने से हमारे फेफड़े मजबूत होते हैं। और श्वसन प्रणाली सही से काम करती है। तो दोस्तो इस बात पर आप भी एक जम्हाई तो ले ही सकते हैं।