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हनुमान जी को सिंदूर क्यों लगाया जाता हैं जानिए हमारे यहां

हम लोग देवी देवाताओं को प्रसन्न करने के लिए क्या क्या नहीं करतें कभी उन्हे फूल चढाते हैं कभी प्रसाद चढाते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम हैं कि हनुमान जी की आराधना प्रसाद, फूल आदि के बिना नहीं ब्लकि सिंदूर के बिना अधूरी हैं। इन सबके पिछे एक मान्यता हैं तो हम जानते हैं कि
हनुमान जी को सिंदूर क्यों लगाया जाता हैं जानिए हमारे यहां

हम लोग देवी देवाताओं को प्रसन्न करने के लिए क्या क्या नहीं करतें कभी उन्हे फूल चढाते हैं कभी प्रसाद चढाते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम हैं कि हनुमान जी की आराधना प्रसाद, फूल आदि  के बिना नहीं ब्लकि सिंदूर के बिना अधूरी हैं। इन सबके पिछे एक मान्यता हैं तो हम जानते हैं कि क्या हैं वो मान्यता जिसकी वजह से हनुमान जी को हम सिंदूर लगाते हैं।

ऐसा कहा जाता हैं कि एक माता सीता अपने कक्ष में तैयार हो रहीं थी और जब वह अपने माथे पर सिंदर लगा रही थी तभी उस समय उनके सामने हनुमान जी आये और पुछने लगे की माता आप ये सिंदूर क्यों लगा रहीं हो तो माता सीता ने उनको कहा की हे पुत्र इस तरह से सिंदूर लगाने से प्रभु श्री राम की आयु बढती हैं। और वह खुश होते हैं।

तब हनुमान जी ने सोचा की यदि माता के इतने से सिंदूर लगाने से प्रभु की आयु बढती है तब मैं तो प्रभु का परम भक्त हूं और मुझे इस बात पता पहले क्यों नहीं हुआ । और उन्होने अपने पुरे शरीर पर सिदूंर लगा लिया। और राम नाम की धुन लगाते हुए श्री राम की सभा में जा पहुंचे। तब श्री राम ने पुछा हे बंजरगी तुमने ऐसा क्यों किया तब हनुमान जी ने कहा प्रभु माता ने कहा की इस तरह सिंदूर लगाने से आपकी उम्र बढेगी। तो मैने ऐसा इसलिए किया। और श्रीराम ने उन्हे यह बरदान दिया कि आज से आपकी पूजा बिना सिंदूर के अधूरी रहेगी।

तभी से हनुमान जी की आराधना में सिदूंर का प्रयोग किया जाता है। और हनुमान चालिसा में भी इसका वर्णन किया है कि राम रसायन तुम्हारे पासा सदा करो भक्तन कल्याणा।

तो भक्तों आज आपने जाना की हनुमान जी को सिदूंर क्यों लगाया जाता है।

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