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जैव घड़ी को जानने के लिए दक्षिण ध्रुव ही क्यों चुना गया

जयपुर। धरती पर हजारों मील का देशांटन करने वाले पक्षियों में तथा नियत समय पर फूलने-खिलने वाली वनस्पतियों में क्या महत्व है। वैज्ञानिकों दक्षिण ध्रुव पर जाकर कई महिनों तक फसलों के संदर्भ में जैविक घड़ी पर आश्चर्यजनक प्रयोग किए गए हैं जिससे प्रकाश के माध्यम से जैविक घड़ी को नियमित बनाकर उत्पादन में वृद्धि
जैव घड़ी को जानने के लिए दक्षिण ध्रुव ही क्यों चुना गया

जयपुर। धरती पर हजारों मील का देशांटन करने वाले पक्षियों में तथा नियत समय पर फूलने-खिलने वाली वनस्पतियों में क्या महत्व है। वैज्ञानिकों दक्षिण ध्रुव पर जाकर कई महिनों तक फसलों के संदर्भ में जैविक घड़ी पर आश्चर्यजनक प्रयोग किए गए हैं जिससे प्रकाश के माध्यम से जैविक घड़ी को नियमित बनाकर उत्पादन में वृद्धि प्राप्त हुई है। आपको जानकारी दे दे कि फसलों की किसी अच्छी किस्म को देश के हर भाग में उगाए जाने योग्य इसी जैविक घड़ी की मदद संभव हो पाया है और धान की ‘ताइचुंग-नेटिव’ किस्म इसका उदाहरण है।जैव घड़ी को जानने के लिए दक्षिण ध्रुव ही क्यों चुना गया

जैविक घड़ियों पर अनुसंधान के कई वैज्ञानिक दक्षिणी ध्रुव के प्रवास पर अपने अनुभव बताते हैं कि दक्षिण ध्रुव के चारों और सिर्फ सफेदी ही सफेदी और सफेदी की चकाचौंध में कुछ भी नजर नहीं आता। इसी विषय पर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में अपने आचार्य प्राध्यापक कार्ल सी. हेमनर एवं एक जापानी वैज्ञानिक टी. होसीजाकी के साथ दक्षिणी ध्रुव में जाकर जैविक घड़ियों के सिलसिले में अपने प्रयोगों को सिद्ध करने का निश्चय कर रहे थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रयोगों के सही परिणाम हम सिर्फ ध्रुवों में ही प्राप्त कर सकते है।जैव घड़ी को जानने के लिए दक्षिण ध्रुव ही क्यों चुना गया

वैज्ञानिकों ने बताया कि जैविक घड़ियां स्वतंत्र रूप से अपनी क्रियायें करती रहती है इसी कारण से पृथ्वी की घूमने की गति से नियंत्रित साबित करने के लिए ध्रुवों पर ही प्रयोग करना जरूरी था। वैज्ञानिकों ने कहा कि उत्तरी ध्रुव में तो समुद्र है और तमाम आइसबर्ग हैं, जो हमेशा ही सरकते रहते हैं। इससे प्रयोगों के गलत हो जाने की संभावना थी। परंतु दक्षिणी ध्रुव का क्षेत्र ठोस होने के साथ-साथ वहां एक रिसर्च स्टेशन भी था तो बस इसीलिए हम लोगों ने दक्षिणी ध्रुव में जाने का निश्चय किया था।जैव घड़ी को जानने के लिए दक्षिण ध्रुव ही क्यों चुना गया

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