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यह चिह्न हर देश की प्रचीन सभ्यताओं में क्यों समान है

जयपुर। जमाना बदल रहा है लेकिन अपनी प्रचीन चीज़ों का भी खास ख्याल रखा जा रहा है दुनिया में जितने भी बदलाव आये है सब प्रचीन सभ्यताओं से सीख से आये हैं। ब्रह्मांड से लेकर धरती के गर्भ तक सारी जानकारियां प्रचीन की कुछ संकेतों के द्वारा मिले है। इन्हीं के सहारे से औआज हम
यह चिह्न हर देश की प्रचीन सभ्यताओं में क्यों समान है

जयपुर। जमाना बदल रहा है लेकिन अपनी प्रचीन चीज़ों का भी खास ख्याल रखा जा रहा है दुनिया में जितने भी बदलाव आये है सब प्रचीन सभ्यताओं से सीख से आये हैं। ब्रह्मांड से लेकर धरती के गर्भ तक सारी जानकारियां प्रचीन की कुछ संकेतों के द्वारा मिले है। इन्हीं के सहारे से औआज हम इस वजूद पर है की चांद पर इंसान को भेज रहे है। प्राचीन के कुछ निशानों और कुछ संकेतों के दुनिया में बदलाव के मायने होते हैं। इसका क सबसे बड़ा उदाहरण है प्राचीन काल का एक प्रतीक चिह्न इसे ग्रीक में ऑरोबोरोस कहते हैं। यह एक प्रतीक चिह्न है जो भारत से लेकर मिस्र तक की सभ्यताओं में इस्तेमाल हुआ है।यह चिह्न हर देश की प्रचीन सभ्यताओं में क्यों समान है

ये ऑरोबोरोस चिह्न ऐसा चिह्न है, जिसमें एक सांप को गोलाकार रूप में दिखाया गया है। जो अपने मुंह से अपनी पूंछ को चबाता हुआ दिखाई देता है। आपको बता दे की ऑरोबोरोस एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ होता है एक लंबी दुम वाला भक्षक। ये चिह्न बहुत से देशों की कलाओं में देखा गया है लेकीन इसका इतिहास ज्ञात नहीं किया गया है। जानकारी के तौर पर ज्ञात करवा दे की ऑरोबोरोस के सबसे पुरानी मिसाल मिस्र के राजा तूतेनख़ामेन के पिरामिड में मिलती है। कई इतिहासकारों का कहना है की ये चिन्ह् मिस्र चाल-चक्र के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। इसका मतलब थी की जो चीज़ें ख़त्म होती रहती हैंयह चिह्न हर देश की प्रचीन सभ्यताओं में क्यों समान है

और घूम-फिर कर वहीं आ जाती हैं, जहां से शुरू हुई थीं। ऐसा ही हिमायत में ये चिह्न सूरज के सफ़र और नील नदी में आने वाले सैलाब का तर्क देते थे। इन दोनों के मुताबिक़ सूरज निकलता है, ढलता हैऔर दुसरे दिन फिर आ जाता है इसी प्रकार दरिया-ए-नील में सैलाब आते हैं। बर्बादी होती है, लेकिन कुछ समय बाद फिर से वो इलाक़ा आबाद हो जाता है. ये चक्र हमेशा ही चलता रहता है। तो ऑरोबोरोस इसी चाल चक्र का प्रतीक हो सकता है। यह चिह्न हर देश में अलग अलग कार्यों में उपयोग किया जाता था और इसके लोगोम की जबां के अनुसार कई किस्से हैं।यह चिह्न हर देश की प्रचीन सभ्यताओं में क्यों समान है

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