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शर्त लगा लो आप भी नहीं जानते होंगे…शव को शमशान ले जाते क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’

मनुष्य के जीवन का कटु सत्य यह हैं,कि उसे एक ना एक दिन इस संसार को छोकर जाना ही पड़ता हैं, चाहे वह कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें मगर जो आया हैं,उसे इस मोह माया की दुनिया को छोड़कर जाना ही पड़ता हैं। वही प्राचीन काल से ही हम यह देखते और सुनते
शर्त लगा लो आप भी नहीं जानते होंगे…शव को शमशान ले जाते क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’

मनुष्य के जीवन का कटु सत्य यह हैं,कि उसे एक ना एक दिन इस संसार को छोकर जाना ही पड़ता हैं, चाहे वह कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें मगर जो आया हैं,​उसे इस मोह माया की दुनिया को छोड़कर जाना ही पड़ता हैं। वही प्राचीन काल से ही हम यह देखते और सुनते चले आ रहे हैं। कि जब भी किसी की मृत्यु होती हैं। शर्त लगा लो आप भी नहीं जानते होंगे…शव को शमशान ले जाते क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’तो उस शव को शमशान तक ले जाते वक्त रास्ते में उस मृत व्यक्ति के परिजन,परिवार वाले आदि कई सारे जो राम नाम सत्य हैं, बोलते हुए जाते हैं। वही आपको यह बता दें कि ऐसा हिंदू धर्म में ही होता हैं। ऐसा तो आपने कई बार ही देखा होगा। मगर ऐसा क्यों बोला जाता हैं,यह बहुत ही कम लोगो को मालूम होगा। तो आज हम आपको इसके बारे में बातने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं। कि शव को शमशान तक ले जाते वक्त क्यों राम नाम सत्य हैं,बोला जाता हैं।शर्त लगा लो आप भी नहीं जानते होंगे…शव को शमशान ले जाते क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’

आपको बता दें,कि इसके बारे में महाभारत के मुख्य पात्र और पांडवों के सबसे बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठिर ने एक श्लोक के बारे में बताया हैं। जिससे इस पूरे वाक्य का अर्थ समझ आता हैं। तो आइए जानते हैं। कि वो कौन सा श्लोक हैं। अहन्यहनि भूतानि गच्छंति यमममन्दिरम्। शेषा विभूतिमिच्छंति किमाश्चर्य मत: परम्।।शर्त लगा लो आप भी नहीं जानते होंगे…शव को शमशान ले जाते क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’

तो आइए जानते हैं,अब इस श्लोक के अर्थ के बारे में— बताया गया हैं,कि जब मृतक को शमशान घाट पर ले जाया जाता हैं। तो राम नाम सत्य हैं। बोलते हैं,मगर जहां घर लौटै तो राम नाम को भूल कर मोह माया में लग जाते हैं। मृतक के घर वाले ही सबसे पहले मृतक के माल को संभालने की चिंता में लगे रहते हैं और माल पर लड़ते—भिड़ते रहते हैं। शर्त लगा लो आप भी नहीं जानते होंगे…शव को शमशान ले जाते क्यों बोला जाता है ‘राम नाम सत्य है’वही धर्मराज युधिष्ठिर ने बताया हैं,नित्य ही प्राणी मरते हैं। मगर शेष परिजन सम्पत्ति को ही चाहते हैं। इससे बढ़कर और क्या आश्चर्य हो सकता हैं। वही शव यात्रा में राम नाम सत्य हैं,सत्य बोलो गत हैं। बोलने के पीछे मृतक को सुनाना नहीं होता हैं। ​बल्कि साथ में चल रहे घर परिवार और वहा से गुजर रहे लोगो को इस तथ्य से परिचित करना होता हैं। कि राम का नाम ही इस दुनिया में सत्य हैं और जब राम बोलेगे तब ही गति होगी।

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