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जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैं

ज्योतिष के मुताबिक सभी नौ ग्रहों का संबंध मनुष्य के शरीर के अलग अलग अंगो से होता हैं वही शरीर के हर अंग का कारक अलग अलग ग्रह होते हैं वही शनि ग्रह स्किन, दांत, कान, हड्डियां और घुटनों के कारक ग्रह हैं वही कुंडली में शनि के अशुभ होने पर शरीर के इन अंगों पर बीमारियों का कब्जा जमा रहता हैं शनि को शनिवार के दिन तेल अर्पित करने और शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करने से लाभ प्राप्त होता हैं।
जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैं

 

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को सभी ग्रहों में सबसे विशेष और महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता हैं वही शनि को विशेष स्थान भी प्राप्त हैं वही कुंडली में शनिदोष को दूर करने और शनि की कृपा पाने के लिए कई सारे लोग शनिवार, अमावस्या और शनि जयंती पर भगवान शनि को तेल अर्पित करते हैं।जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैं वही शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा बहुत ही पुरानी हैं वही ऐसा भी कहा जाता हैं, कि जो मनुष्य शनि महाराज को सरसों का तेल चढ़ाता हैं उन्हें कई तरह की परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा प्राप्त हो जाता हैं वही शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करने के पीछे ज्योतिष और धार्मिक दोनो ही तहर की मान्यताएं जुड़ी हैं जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैंआपको बता दें, कि ज्योतिष के मुताबिक सभी नौ ग्रहों का संबंध मनुष्य के शरीर के अलग अलग अंगो से होता हैं वही शरीर के हर अंग का कारक अलग अलग ग्रह होते हैं वही शनि ग्रह स्किन, दांत, कान, हड्डियां और घुटनों के कारक ग्रह हैं वही कुंडली में शनि के अशुभ होने पर शरीर के इन अंगों पर बीमारियों का कब्जा जमा रहता हैं वही शनि को शनिवार के दिन तेल अर्पित करने और शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करने से लाभ प्राप्त होता हैं।जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैं वही शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने के पीछे एक और कारण माना जाता हैं। एक कथा के मुताबिक एक बार शनिदेव को अपनी ताकत पर अभिमान हो गया था। शनिदेव हर किसी पर अपनी अशुभ दृष्टि डालने लगे थे। अपने बल के घमंड से उन्होंने हनुमान जी को युद्ध के लिए ललकारा। मगर उस वक्त हनुमान जी अपने प्रभु श्री राम की सेवा भक्ति में लीन थे। उन्होंने युद्ध करने से मना कर दिया। जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैंमगर शनिदेव नहीं माने और दोबारा युद्ध के लिए ललकारा। मना करने के बाद जब शनिदेव नहीं मानते तो हनुमान जी ने शनि को अपनी पूंछ में बांधकर बुरी तरह से परास्त किया वही इसके बाद शनिदेव को अपनी गलती का एहसास हुआ हैं युद्ध में हनुमान जी से लड़ते वक्त उनका शरीर बुरी तरह से घायल हो गया था। शनि के हनुमानजी से क्षमा मांगने पर हनुमान जी ने शनि को शरीर पर लगाने के लिए तेल दिया। तेल लगाते ही शनिदेव का दर्द दूर हो गया। तभी से शनिदेव को तेल अर्पित करने की परंपरा शुरू हो गई। जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैं

ज्योतिष के मुताबिक सभी नौ ग्रहों का संबंध मनुष्य के शरीर के अलग अलग अंगो से होता हैं वही शरीर के हर अंग का कारक अलग अलग ग्रह होते हैं वही शनि ग्रह स्किन, दांत, कान, हड्डियां और घुटनों के कारक ग्रह हैं वही कुंडली में शनि के अशुभ होने पर शरीर के इन अंगों पर बीमारियों का कब्जा जमा रहता हैं शनि को शनिवार के दिन तेल अर्पित करने और शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करने से लाभ प्राप्त होता हैं। जानिए शनिदेव को क्यों सरसों का तेल ​अर्पित किया जाता हैं

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