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पूर्वोत्तर से शुरू होकर CAA के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतरे लोग

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद मोदी सरकार को संसद में दूसरी बड़ी कामयाबी मिली, जब उसने नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास करा लिया। हालांकि, राष्ट्रपति की मुहर के बाद ये कानून का रूप ले चुका है। इस कानून के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है।
 पूर्वोत्तर से शुरू होकर CAA के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतरे लोग

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद मोदी सरकार को संसद में दूसरी बड़ी कामयाबी मिली है जब उसने नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास करा लिया। हालांकि राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद नागरिकता कानून का रूप ले लिया। इस कानून को लेकर जारी विरोध अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है।

 पूर्वोत्तर से शुरू होकर CAA के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतरे लोग

नागरिकता कानून के खिलाफ चिंगारी पुर्वोत्तर भारत से उठी। अस में इसे लेकर बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस कानून में ऐसा क्या है जिसे लेकर आग की लपटें लोगों की आवाज को चीर रही है। हालांकि, इस कानून से पहले बिल को लेकर विपक्ष विरोध कर रहा था। सड़क से लेकर संसद तक नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में आवाजें उठ रही है। नागरिकता कानून के अनुसार, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से शरण के लिए भारत आए जैन, बौद्ध, हिंदू, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

 पूर्वोत्तर से शुरू होकर CAA के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतरे लोग

शुरुआत में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध सड़कों पर उतरा। पड़ोसी देशों से गैर मुस्लिम अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता से संबंधित नियमों में ढील का प्रावधान है। इससे पहले भी नागरिकता बिल को मोदी सरकार ने पास कराने के लिए प्रयास किए थे। लोकसभा में पारित होने के बाद पुर्वोत्तर में विरोध को देखकर राज्यसभा में पेश नहीं किया था। हालांकि, इस बार मोदी सरकार ने भले ही इस बिल को दोनों सदनों से पास करा लिया है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद मोदी सरकार को संसद में दूसरी बड़ी कामयाबी मिली, जब उसने नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास करा लिया। हालांकि, राष्ट्रपति की मुहर के बाद ये कानून का रूप ले चुका है। इस कानून के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्वोत्तर से शुरू होकर CAA के खिलाफ सड़कों पर क्यों उतरे लोग

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