इस दिवाली को बनाये अपनों के लिए हैप्पी इको फ्रेंडली हेल्दी दिवाली
जयपुर । दिवाली का समय आते ही हम सभी घर की साफ सफाईयों मेन लग जाते हैं । इतना ही नही पटाखों की लिस्ट बना कर भी तैयार रहते हैं । कब कितने पटाखे चलाने हैं इस बात का तक हम ध्यान नहीं रखते हैं । साथ ही हमारी इस हरकत का क्या परिणाम निकालने वाला है इस बात की भी हमको कोई फिक्र नहीं रहती है ।
हमारे आस पास और हमारे घर मेन कोई छोटे बच्चे तो कोई न कोई बुजुर्ग रहता ही है । कोई दिल का मरीज है तो कोई अस्थमे का ऐसे में इस बात का ख्याल रखे बिना ही हम पर्यावरण और लोगों का नुकसान करते हैं । इतना ही नही ये हमारी आर्थिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचाने वाली भारी बेवकूफी से ज्यादा कुछ नही है ।
इस दिवाली आप इन तरीकों को अपना कर अपनी दिवाली के साथ ही औरों की दिवाली को भी हेप्पी बना सकते है । आइये जानते हैं कैसे ?
प्लास्टिक के फूल भले ही सस्ते आएं लेकिन बेहतर ऑप्शन नैचरल फूल ही हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये फूल बायॉडिग्रेडेबल होते हैं जो किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। वहीं प्लास्टिक के फूलों को नष्ट करना मुश्किल होता है।
इलेक्ट्रिक लाइट्स के ज्यादा इस्तेमाल से बचें और इसकी जगह मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल करें। मिट्टी के दीयों के यूज से इलेक्ट्रिसिटी बचाने में मदद मिलेगी जो न सिर्फ बिल को कम करेगा बल्कि इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने में लगने वाले नैचरल सोर्सेज की कम खपत में भी आप सहयोग कर सकेंगे।
सबसे पहले तो पटाखों से दूरी बनाएं। ये चीजें कुछ देर का मजा तो दे सकती हैं लेकिन पर्यावरण को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा देती हैं जिसके ठीक होने में लंबा समय लग जाता है। पटाखों से न सिर्फ वायु प्रदूषण बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है। इतना ही नहीं इससे खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों की सेहत को भी काफी नुकसान पहुंचता है। साथ ही यह बहुत ही महंगे भी आते हैं जिसके कारण आपकी जेब पर भी काफी भारी असर पड़ता है ।
आमतौर पर बाजार में केमिकल युक्त रंगोली के कलर्स मिलते हैं। इसकी जगह नैचरल कलर्स खरीदें। ये थोड़े महंगे जरूर पड़ेंगे लेकिन ये पर्यावरण और आपकी सेहत के लिहाज से सबसे बेहतर हैं।