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कभी-कभी किसी वस्तु को छूने पर बिजली का करंट क्यों लगता है?

अक्सर यह चीज आपने भी अनुभव की होगी कि जब भी कभी किसी वस्तु को छूते है तो कई बार हमें बिजली का झटका लगता है। जी हां, किसी वस्तु या व्यक्ति को छूने से इलेक्ट्रिक करंट लगता है। दरअसल हमारा शरीर इतना कमजोर होता है कि अगर करंट थोड़ा सा भी हो तब भी
कभी-कभी किसी वस्तु को छूने पर बिजली का करंट क्यों लगता है?

अक्सर यह चीज आपने भी अनुभव की होगी कि जब भी कभी किसी वस्तु को छूते है तो कई बार हमें बिजली का झटका लगता है। जी हां, किसी वस्तु या व्यक्ति को छूने से इलेक्ट्रिक करंट लगता है। दरअसल हमारा शरीर इतना कमजोर होता है कि अगर करंट थोड़ा सा भी हो तब भी इसे पता चल जाता है। हालांकि बचपन में हम सबने इस विज्ञान की प्रक्रिया को खेल की तरह खेला हैं।

कभी-कभी किसी वस्तु को छूने पर बिजली का करंट क्यों लगता है?

जैसे कंघे को सर पर रगड़कर फिर कागज़ के टुकड़ों के पास लाना जिससे वो कंघे पर चिपकने लग जाते थे। अक्सर कपड़े उतारने पर हाथ के बाल उस कपड़े की तरफ आकर्षित हो जाते थे। साथ ही एक व्यक्ति को कुर्सी पर बैठाकर उसकी गर्दन और कुर्सी पर जोर जोर से टॉवेल से मारते थे, फिर उसे छूते थे तो करंट लगता था। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर अचानक से कोई वस्तु को छूने से हमें बिजली का झटका क्यों लगता हैं?

कभी-कभी किसी वस्तु को छूने पर बिजली का करंट क्यों लगता है?

इसे भौतिकी में स्थिर विद्युतिकी यानी इलेक्ट्रॉस्टेटिक्स कहते हैं। यानी हमारे शरीर में जब मुक्त किसी वस्तु से आवेशित होकर इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती हैं तो शरीर में आवेश उत्पन्न होने लग जाता है। ये निगेटिव इलेक्ट्रॉन किसी पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन जो कि किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति में होते हैं उनसे संपर्क में आते ही बिजली का करंट महसूस होता है। यानी उस समय इलेक्ट्रॉन बहुत तेजी से आपस में मिलते हैं, जिससे आपको बिजली का हल्का झटका लगता है। सर्दियों के मौसम में इस तरह के झटके ज्यादा लगते हैं।कभी-कभी किसी वस्तु को छूने पर बिजली का करंट क्यों लगता है?

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