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नाग पंचमी में क्यों चढाया जाता है दूध जानिए यहां

जयपुर। नाग पंचमी का पवित्र त्योहार कल यानि 15 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। नागपंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। हिन्दू मान्यता के अनुसार नाग पंचमी को अत्यंत महत्व दिया जाता है। नाग पंचमी में साप के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है और दूध चढ़ाया जाता
नाग पंचमी में क्यों चढाया जाता है दूध जानिए यहां

जयपुर। नाग पंचमी का पवित्र  त्योहार कल यानि 15 अगस्त के दिन मनाया जाएगा।  नागपंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। हिन्दू मान्यता के अनुसार नाग पंचमी को अत्यंत महत्व दिया जाता है।

नाग पंचमी में साप के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है और दूध चढ़ाया जाता है। सावन का महीन भगवान शिव का महीना माना जाता है व साप भगवान शिव के गले में रहते हैं। इसलिए भी नाग पंचमी के त्योहार को विशेष माना जाता है।

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नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी का त्योहार हस्त नक्षत्र और साध्य योग में पड़ रही है,जो बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शाम 04 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। नागपंचमी के  दिन लोग नाग पूजा और काल सर्प योग की साधना करते हैं जिससे कुड़ली से कालसर्प दोष दूर किया जा सके।

नाग पंचमी में क्यों चढाया जाता है दूध जानिए यहां

नाग पंचमी की पूजा करें इस विधि से

नाग पंचमी के दिन सर्प की पूजा करते हैं। गरुड़ पुराण के के अनुसार नाग पंचमी की सुबह स्नान कर घर के मेन दरवाजे के दोनों ओर नाग का चित्र बनाएं या प्रतिमा स्थापित करें फिर उसमें फूल फल, रख नाग देवता पर दूध चढ़ाएं और पूजा करें। नागपंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी अच्छा माना जाता है।

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पुराणों में ऐसा माना गया है कि पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सर पर उठाया हुआ है इसलिए नागपंचमी के दिन उनकी पूजा की जाती है। नाग पंचमी के साथ ही  गरुड़ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। नाग देवता के साथ इस दिन गरुड़ की भी पूजा की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि शाप के कारण नागलोक जलने लगा उस समय नागों पर दूध चढ़ाकर उनकी जलन को शांत किया गया था। उस दिन पंचमी की तिथि थी। उसी दिन से पंचमी तिथि पर नागों को गाय के दूध से नहलाने की प्रथा है। ऐसा करने से सांप के भय से मुक्ति मिलती है।

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