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ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?

स्टीफन हॉकिंग। वही महान खगोलशास्त्री और वैज्ञानिक जिनकी आवाज़ कल हमेशा के लिए शांत हो गई। स्टीफन हॉकिंग को दुनिया के महान साइंटिस्टों में गिना जाता है। कहा तो ये भी कहा जाता है कि दुनिया को विज्ञान के लिए हॉकिंग की ज़रुरत थी, इस वजह से एक भयंकर बीमारी मोटर नूरोन रोग से ग्रसित
ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?

स्टीफन हॉकिंग। वही महान खगोलशास्त्री और वैज्ञानिक जिनकी आवाज़ कल हमेशा के लिए शांत हो गई। स्टीफन हॉकिंग को दुनिया के महान साइंटिस्टों में गिना जाता है। कहा तो ये भी कहा जाता है कि दुनिया को विज्ञान के लिए हॉकिंग की ज़रुरत थी, इस वजह से एक भयंकर बीमारी मोटर नूरोन रोग से ग्रसित हॉकिंग को बहुत सारे उपक्रणों और दवाईयों की मदद से ज़िंदा रखा गया था। हॉकिंग की कामयाबी आधुनिक दुनिया में विज्ञान के लिए काफी अहम मानी जाती है।ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?

हालांकि स्टीफन हॉकिंग साइंस के मामले में काफी तजुर्बाकार थे, पर शादी के मामले में वो काफी कमज़ोर साबित हुए। रिश्ते उनसे संभल नहीं सके। उनकी हालत बिल्कुल ऐसी ही हुई जैसे कि आम लोगों की होती है। पत्नी के नखरे शायद उनसे संभल नहीं पाए और एक नहीं दो-दो बार उनकी शादी टूट गई। देखा जाए तो हॉकिंग थोड़े अजीब से दिखते थे, पर दुनिया के सबसे बड़े साइंटिस्ट के साथ तमाम उम्र रिश्ता कौन नहीं रखना चाहता।ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?

अब आप स्टीफन हॉकिंग की पहली शादी को ही देख लीजिये। 1942 में पैदा हुए हॉकिंग 21 साल की उम्र में किसी की शादी फंक्शन में इधर-उधर देख रहे होंगे कि उनकी नज़र पड़ गई एक खूबसूरत महिला पर। इन बला की खूबसूरत महिला का नाम था जेन विल्डे। हॉकिंग हालांकि दिमाग लगाने वाले इंसान थे, पर दिल तो उनके पास भी था, फिसल गया। और ऐसा फिसला कि 2 साल के बाद जेन से शादी ही कर ली। जेन और हॉकिंग को तीन बच्चे हुए, पर 1990 आते आते ये शादी टूट गई। हॉकिंग जैसा कमाल का वैज्ञानिक भी अपनी शादी को संभाल नहीं पाया, या कहें कि शादी से खुश नहीं रह पाया।

ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?हॉकिंग ने पहली शादी जब कि उस समय वो मात्र 23 साल के थे और आज के वक्त भी हालात यहीं हैं। 21-23 साल के उम्र के बच्चों को शादी की बहुत तलब होती है। इस उम्र तक आते आते तो युवक शादी के सपने देखने लगते हैं और यहां तक कि हनीमून का डेस्टीनेशन भी अपनी गर्ल्फ्रैंड के साथ तय करने लगते हैं। लेकिन पढ़ने लिखने की उम्र वाले इन युवकों को शायद हॉकिंग की ज़िंदगी से सीख लेनी चाहिये। इस उम्र में कोई शादी करने का सोच तो लेता है, पर उसे संभाला कितना मुश्किल होता है, हॉकिंग से बेहतर और कोई शायद ही समझा पाए, क्योंकि जब उन्होंने बिग बैंग थ्योरी ही समझ ली तो उनके लिए शादी क्या बड़ी बात होती समझने के लिए। पर नहीं, बड़े देर से उन्हें ये बात समझ में आई शायद।ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?

हॉकिंग की पहली शादी तब तक चली जब तक उनकी जवानी में अपने शिद्दत पर थी। प्यार तो था ही उनको। 1990 में जब हॉकिंग की पहली शादी टूट गई, तो उसी साल शायद उनका दिल फिर से फिसल गया। पहली शादी टूटने का कारण भी यही था। ये वो दौर था जब हॉकिंग की जवानी ढलान पर थी। ढलान के समय सूरज काफी खूबसूरत होता है, इसलिए हॉकिंग को भी खुद के बारे में ऐसा ही लगा। पहली शादी से शायद वो ऊब गए थे। तभी तो उनका दिल आया उनकी ही नर्स पर जो उनका देखभाल कर रही थी। ये वो दौर था जब हॉकिंग महानता की तरफ बढ़ रहे थे और दुनिया उनके तरफ नज़रें टिका कर बैठी थीं। नर्स का नाम था एलन मेसन। मेसन और हॉकिंग ने 1995 में शादी कर ली। यहां भी शायद हॉकिंग से हड़बड़ी हो गई। 2003 के आते आते हॉकिंग के बच्चों ने अपनी सौतेली मां पर आरोप लगा दिया कि वो उन्हें अपने महान पिता से मिलने नहीं देती। हालांकि हॉकिंग ने इससे इंकार कर दिया था। पर, 2006 में मेसन ने हॉकिंग के साथ तलाक की अर्जी ये कहते हुए दाखिल कर दी कि हॉकिंग की नज़र अब किसी और पर है।ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?

बताइये। 64 साल के बूढ़े पर जो व्हील चेयर पर चल रहा हो, उसकी पत्नी ने ये आरोप लगा दिया कि वो किसी और से इश्क फरमा रहा है। वैसे तो ऐसे कई मामले आते हैं, पर फिर से हॉकिंग को देखिये। दुनिया जिसके दिमाग की तारीफ में लगी हुई थी, उसका दिल उस समय उसके कंट्रोल में ही नहीं था।ब्रह्मांड को जीत लेने वाला ये वैज्ञानिक भी आखिर क्यों नहीं संभाल सका अपना दांपत्य जीवन?

क्या इसे पुरुष की कमज़ोरी कहें या फिर उसका नेचर ही ऐसा है। वो चाहे किसी भी उम्र का हो, चाहे आर्थिक, सामाजिक रुप से कितना भी मज़बूत क्यों ना हो, प्यार के मामले में वो नौसिखिया ही होता है। वो बाहर ऑफिस में सारे झंझट संभाल सकता है, पर प्यार और शादी जैसे मामले में उसके सामने अंधेरा क्यों छाने लगता है। ये ऐसा नहीं है कि कच्चे लोगों के साथ ही होता है। अब हॉकिंग को ही देख लीजिये, ब्रह्मांड की उत्पत्ति की खोज की थी, पर एक बार नहीं दो बार अपना दांपत्य जीवन बचा नहीं पाए।

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