महिला या पुरुष कौन उभरता है ब्रेक अप के सदमे से
जयपुर । आज कल गर्ल फ्रेंड – बोयफ्रेंड बनाना बहुत ही आम बात है । एक समय था जब लोग कहीं मिला करते थे तो उनमें दोस्ती हो जया करती थी धीरे धीरे वह रिश्ते में आ जाते थे । उसके बाद वह साथ पढ़ा करते थे तब ऐसा हुआ करता था , उसके बाद लोग आस पास में कहीं रहते थे तब ऐसा हुआ करता था । पर कुछ भी होता था लोगो का प्यार हमेशा बरकरार रहा करता था ।
आज का समय तो ऐसा हो चला है की कहना ही क्या ? इन्टरनेट पर मिले और प्यार हो गया । उनको इस बात से तक नहाई मतलब होता है की लड़का उनके लिए कम्पेतिबल है भी या नहीं । बस मिले नहीं की प्यार हो गया । आगे चल कर कुछ महीने भी नहाई होते हैं की प्यार की डोर टूट जाती है । ऐसे प्यार में कोई ज्यादा दुख भी नहाई होता है ।
पर जो प्यार बहुत ही सुलझा हुआ और गहरा होता है उसको भी कई बार कुछ ऐसी कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है की वह सबके सामने , अपनों की खुशी के लिए दम तोड़ देता है । वह कहते हैं की कई जातियों की उंच नीच की वजह से कई दिल अधूरे रह जाते हैं । इसको देखा जाये तो यह भी कहा जा सकता है की एक छत पर साथ बैठे परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग उनका साथ देखा नहीं जाता इन्सानों को कहाँ मिलने देते हैं लोग ।
ऐसे में कई प्यार के रिश्ते अधूरे रह जाते हैं । पर जब उन पर यह कहर टूटता है तो कौन होता है दोनों में से जो जल्द ही इस दुख से उभर आता हैं ? आइये जांबते हैं इस बारे में । वोलूशनरी बिहेवियरल साइंस नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बिंगमटन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने 96 देशों के 5 हजार 705 प्रतिभागियों का इंटरव्यू लिया और उन्हें ब्रेकअप से जुड़े शारीरिक और भावनात्मक दर्द को 1 से 10 से स्केल पर रेट करने को कहा। स्टडी के नतीजे बताते हैं कि महिलाओं पर ब्रेकअप यानी दिल टूटने का फिजिकली और इमोशनली दोनों ही तरह से ज्यादा नकारात्मक असर पड़ता है।