WHO ने किया घोषित इबोला है भारी संकट इमरजेंसी अलर्ट जारी
जयपुर । इबोला एक जान लेवा बीमारी का नाम है इससे पीड़ित रोगी की जान बचना बहुत ही मुश्किल होता है । लगभग 80 % लोग इस बीमारी से अपनी जान धो ही बैठते हैं । ऐसे में इस बीमारी को लेकर और भी गंभीरता बढ़ जाती है । दुनिया भर में यह सबसे बड़ा वायरल इन्फेक्शन है ।
अफ्रीकी देश कॉन्गो में अगस्त 2018 में सबसे पहले इबोला फैला था और उस वक्त करीब 1600 लोगों की मौत हो गई थी और अब इस बीमारी ने और बड़ा रूप ले लिया है और बीमारी कॉन्गो के बाहर भी फैल रही है। लिहाजा इसे देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO ने इबोला को इंटरनैशनल इमर्जेंसी घोषित कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार इस बीमारी को नियंत्रित कर पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है और इस बीमारी की गंभीरता को समझते हुए डबल्यूएचओ ने इस बीमारी को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया है । हालांकि भारत अब इस बीमारी सुरक्षित है । पर फिर भी इस बीमारी से सावधानी बनाए रखने की अभी भी बहुत जरूरत है ।
कैसे फैलती है यह बीमारी ?
इबोला वायरस संक्रमित जानवरों के काटने या खाने से लोगों में फैलता है। इबोला से पीड़ित रोगी के शरीर से निकलने वाले पसीना, खून या दूसरे तरल पदार्थ से यह वायरस फैलता है। इसीलिए इबोला के रोगी को अलग रखा जाता है। इस वायरस के कारण रोगी की मौत हो जाने के बाद भी संक्रमण का खतरा रहता है और शव के संपर्क में आने से भी वायरस फैलता है। यह भी आशंका है कि संक्रमित चमगादड़ों के मल-मूत्र से संपर्क में आने से इबोला वायरल फैल सकता है।