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पुलिस चाहे तो समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है : आनंद

‘सुपर 30’ के संस्थापक और चर्चित गणितज्ञ आनंद कुमार का मानना है कि पुलिस समाज का वह महत्वपूर्ण अंग है जो समाज में कई तरीकों से महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। उन्होंने सोमवार को कहा कि वैसे तो पुलिस की मुख्य जिम्मेवारी समाज को अनुशासित बनाने की है, लेकिन आज जरूरत इस बात की है
पुलिस चाहे तो समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है : आनंद

‘सुपर 30’ के संस्थापक और चर्चित गणितज्ञ आनंद कुमार का मानना है कि पुलिस समाज का वह महत्वपूर्ण अंग है जो समाज में कई तरीकों से महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। उन्होंने सोमवार को कहा कि वैसे तो पुलिस की मुख्य जिम्मेवारी समाज को अनुशासित बनाने की है, लेकिन आज जरूरत इस बात की है कि समाज अपराध मुक्त हो, इसके लिए पुलिस समाज के साथ मिलकर क्या करती है यह महत्वपूर्ण है।

हैदराबाद के नेशनल पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के लिए आयोजित कार्यशाला ‘लीडरशिप’ में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों के अंदर समाज में हो रहे परिवर्तन के कारण पुलिस की चुनौतियां भी बढ़ी हैं। तकनीक, मीडिया व सोशल मीडिया के कारण समाज में अपराध का स्वरूप भी बदला है। आतंक का खतरा, भीड़ द्वारा हिंसा, बगैर मेहनत के पैसे की इच्छा और यौन अपराध की घटनाएं बढ़ने के कारण पुलिस की चुनौतियां भी बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा, “देश की जनता समझती है और उम्मीद भी रखती है कि पुलिस के पास समाज के तमाम बुराइयों का समाधान है, इन बुराइयों और समस्याओं को रोकने के लिए सबसे जरूरी यह है कि पुलिस की छवि समाज में निष्पक्ष तथा साफ हो।”

आनंद ने कहा कि पुलिस की पहचान इतनी व्यापक और दूर तक होती है कि पुलिस का एक अच्छा अधिकारी लोगों के मन:स्थिति पर गहरा प्रभाव छोड़ता है, जिसे बहुत दिनों तक उन इलाकों में वह अधिकारी याद भी किया जाता है।

इन्हीं कई कारणों से पुलिस की नौकरी को अन्य नौकरियों से अलग जानी और पहचानी जाती है।

आनंद ने कहा, “कई विकसित देश अब सामुदायिक पुलिस पर जोर दे रहे हैं, जिसका अर्थ है कि समुदायों को इसमें स्वेच्छा से शमिल करवा कर उन्हें नियमों का अनुपालन करवाना। ऐसे में पुलिस के प्रति लोगों में न केवल विश्वास जागृत किया जा सकता है, बल्कि लोगों से संबंध भी अच्छे बनेंगे।”

उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों के लिए, जहां गरीबी आज भी व्याप्त है, वहां पुलिस को और संवेदनशील होने की जरूरत है। जहां गरीबी होती है, वहां लोगों को और सुरक्षा की जरूत होती है। जाति, धर्म के नाम पर अक्सर कई स्थानों पर तनाव की स्थिति बन जाती है, जिसे सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार करने में पुलिस काफी मदद कर सकती है।

उन्होंने कहा, “चुनौतियों के बावजूद पुलिस को समतावादी समाज विकसित करने में मददगार में रूप में देखा जा सकता है। पुलिस को ऐसे समाज बनाने के लिए प्रयास करने होंगे, तभी समतावादी समाज का निर्माण किया जा सकता है। जब समाज में सब के लिए कानून सामान होगा तब अपराध जरूर घटेगा।”

सुपर 30 गरीब छात्रों को आईआईटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए चर्चित संस्थान है।

नयूज स्त्रोत आईएएनएस

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