ये है फिल्मों में पहने जाने वाले स्टार्स के बेशकीमती कपड़ों की कहानी
बॉलीवुड के गलियारों में सितारों के बेशकीमती आउटफिट्स देखकर तो किसी का भी दिल उन पर आ जाएगा।गौरतलब है कि कपड़ो का फैशन सबसे पहले फिल्मो में ही आता है।वही से शुरु होती है ये कहानी और फिर हर कोई इसे पहनने का सपना देखने लगता है।लेकिन ये तो हम सभी जानते है कि फिल्मी सितारें एक फिल्म में उस कपड़े को पहनने के बाद कभी वापस नहीं दोहराते है।तो आखिर इतने महंगो कपड़ो की उम्र सिर्फ कुछ मिनटो की होती है।जी नहीं ऐसा नहीं है।इन कपड़ो का उपयोग बाद में काफी मश्शोकत से किया जाता है तो आइए जानते है आज इन कपड़ो का भविष्य।
दरअसल जब किसी फिल्म के लिए किसी डिजाइनर को हायर किया जाता है तो वो फिल्म के किरदार के हिसाब से वो वेशभूषा तैयार करता है।जिसे पहनकर कभी सितारें इतने पॉपुलर हो जाते है जिनका अनुमान भी लगाना मुश्किल हो जाता है।कभी-कभी ये सितारें उन आउटफिट्स के पसंद आने पर खुद उन्हें खरीद लेते है।फिर बाद में चाहे वो उसका कुछ भी करें।ऐसा कई फिल्मो में हुआ है।हाल ही में यशराज फिल्म्स की स्टायलिस्ट आयशा खन्ना ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान इन कपड़ो का राज खोला उन्होनें साफ तौर पर बताया कि आखिरकार मेकर्स इन कपड़ों का बाद में क्या करते है।
आयशा की मानें तो फिल्मों में सेलेब्स द्वारा पहने गए अधिकतर कपड़ों को संभाल कर रख दिया जाता है। इसके साथ ही फिल्म का टैग उन कपड़ों पर लगा दिया जाता है। इसके बाद इन कपड़ों को मिक्स एंड मैच करके जूनियर आर्टिस्ट्स के लिए इस्तेमाल भी किया जाता है।जिसका इस्तेमाल कभी कभी मेकर्स अपनी दूसरी फिल्मों में भी करने लगते है।गौरतलब है कई बार ऐसा होते देखा गया है।हालांकि एक कपड़े को दूसरे में कैसे इस्तेमाल करना है कि कोई उसे पहचान भी ना पाए ये करने मे मेकर्स काफी चालाक होते है।
इसके अलावा जब कोई बड़ा सेलिब्रिटी डिजाइनकर किसी फिल्म के लिए सितारों को कपड़े उपलब्ध करवाता है तो फिल्म खत्म होने के बाद उन्हें वापस ले लिया जाता है।इसके बाद उन कपड़ों की नीलामी की जाती है।जो ऑफलाइन के साथ आजकल ऑनलाइन भी होने लगी है।इसका एक उदाहरण दे तो आपको बता दें कि फिल्म रोबोट में ऐश्वर्या राय और रजनीकांत द्वारा पहने गए आउटफिट्स को एक एनजीओ के लिए पैसे जुटाने के लिए ऑनलाइन ऑक्शन किया गया था।ये काफी दिलचस्प तरीका था।बाद में इस तरीके को कई सितारें अपनाने लगे है।हालांकि इसके अलावा इन कपड़ो को वापस से रीडिजाइन किया जाता है और इनका इस्तेमाल किया जाने लगता है।