पाकिस्तान में जाकर फिरोज खान ने उसी के खिलाफ की थी टिप्पणी

भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा से गर्मा-गर्मी का माहौल बना ही रहता है। ये माहौल कब खत्म होगा इसका कुछ पता नहीं है। दोनों देखों में ऐसा होनो एक आम बता है। फिल्म वो चाहे राजनीति हो या फिर खेल। लेकिन जब बात कला की आती है दोनों देशों के बीच भाईचारे वाली भावना भी दिख जाती है। तो आज हम आपसे एक वाक्या बताने जा रहे हैं। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता फिरोज खान जब पाकिस्तान गए तो आप समझ सकते हैं कि वहां का नजारा कया होगा। आपको बता दें कि फिरोज खान अपनी अलग स्टाइल के लिए जानें जाते हैं उनको दर्शकों जितना अभिनेता के रूप में पसंद किया उतना ही एक खलनायक के तौर पर भी पसंद किया है। उनकी डायलॉग डिलीवरी ऐसी की किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं।
फिरोज खान अफगानिस्तान से विस्थापित होकर भारत में आए थे। वो एक पठान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 25 सितंबर, 1939 को हुआ था। फिरोज खान अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं यही कारण है कि एक बार जनरल परवेज मुशर्रफ ने उनके पाकिस्तान जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। बात साल 2006 की है। दरअसल बात ये है कि फिरोज खान अपने भाई अकबर खान की आने वाली फिल्म ताजमहल को रिलीज करने के लिए लाहौर गए हुए थे इस दौरान फिरोज ने भारत और पाकिस्तान के मुसलामानों की स्थिति पर टिप्पणी की थी।कार्यक्रम में उनसे भारत में मुसलमानों की खराब स्थिति को लेकर बात की थी। फिरोज खान ने उसमे कहा था कि, भारत धर्म निरपेक्ष देश है। हमारे यहां मुसलमान प्रगति कर रहे हैं। हमारे राष्ट्रपति मुस्लिम हैं, प्रधानमंत्री सिख हैं। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बना था, लेकिन देखिए यहां उनकी कैसी हालत है। एक-दूसरे को मार रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि, यहां मैं खुद से नहीं आया हूं। मुझे यहां आने के लिए निमंत्रण दिया गया था। हमारी (भारतीय) फिल्में इतनी प्रभावशाली होती हैं कि आपकी सरकार उसे ज्यादा वक्त के लिए रोक नहीं सकतीं। जब उन्होंने ये बात कही थी तब मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे और राष्ट्रपति के पद पर एपीजे अब्दुल कलाम थे।