Navgrah mantra jaap vidhi: जानिए कब और कैसे करें नवग्रह मंत्रों का जाप
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों का विशेष महत्व बताया गया हैं ज्योतिष में नौ ग्रह होते हैं जिनकी चाल का सीधा प्रभाव जातक के जीवन पर पड़ता हैं किसी मनुष्य की कुंडली को देखकर ग्रहों की स्थिति का विचार किया जाता हैं ज्योतिष के मुताबिक जन्मपत्री में जब ग्रह कमजोर होते हैं तो जातक को उससे संबंधित बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं जब ग्रह मजबूत होता हैं तो जातकों को उसका प्रत्यक्ष फायदा भी मिलता हैं ग्रहों को मजबूत बनाने के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं और इनमें सबसे अधिक कारगर उपाय ग्रहों से जुड़े मंत्रों का जाप हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं नवग्रह मंत्र जाप।
जानिए मंत्र जाप—
सूर्य बीज मंत्र— ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
जानिए विधि— मंत्र को रविवार के दिन सुबह के समय स्नान ध्यान के बाद 108 बार जाप करना चाहिए।
चंद्र बीज मंत्र— ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।
जानिए विधि— इस मंत्र का जाप सोमवार के दिन शाम के समय शुद्ध होकर करीब 108 बार करना चाहिए।
मंगल बीज मंत्र— ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
जानिए विधि— इस मंत्र का जाप आप मंगलवार के दिन सुबह स्नान ध्यान करने के बाद 108 बार कर सकते हैं।
बुध बीज मंत्र— ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
जानिए विधि— इस मंत्र का जाप करीब 108 बार करना उचित माना गया हैं।
गुरु बीज मंत्र— ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
जानिए विधि— रोजाना शाम के वक्त आप 108 बार इस मंत्र का जाप जरूर करें।
शुक्र बीज मंत्र— ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
जानिए विधि— शुक्रवार के दिन सुबह इस मंत्र का जाप 108 बार करें।
शनि बीज मंत्र— ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
जानिए विधि— शनिवार के दिन शाम को इस मंत्र का जाप 108 बार करें।
राहु बीज मंत्र— ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
जानिए विधि— इस मंत्र का जाप रात्रि में 108 बार करें।
केतु बीज मंत्र— ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
जानिए विधि— इस मंत्र का जाप रात्रि में 108 बार किया जा सकता हैं