क्यों किया जाता है तिब्बतीयन मेडिटेशन , क्या है इसका कारण
जयपुर । योग करना ध्यान करना यह हमारी आचची सेहत के लिए बहुत ही जरूरी होता है । कहा जाता है की ध्यान करने से ना सिर्फ आपका बल्कि आसपास का वातावरन भी बहुत ज्यादा प्रभावित होता है । कुछ समय से देखा जा रहा है की लोग अपने घर में बुद्ध की मूर्ति रखते हैं । वह इसलिए नही की उनको इस धर्म का अनुसरण करना होता है बल्कि इसलिए भी क्योंकि यह शांति का प्रतीक है । इसलिए वह बड़ी ही श्रद्धा भाव से इसको अपने घर में रखते हैं ।
आज हम बात कर रहे हैं तिबतियन मेडिटेशन के बारे में तिब्बती संस्कृति ने हमेशा मेडिटेशन के महत्व पर बल दिया है। तिबेतियन मेडिटेशन प्रकृति के साथ एक होने पर केंद्रित है। यह पृथ्वी, आकाश, पानी, आग और हवा, इन प्राकृतिक तत्वों के प्रति निस्संदेह भक्ति को दर्शाता है। ध्यान की यह शैली ना केवल आपके अंदर, बल्कि प्रकृति में भी शांति को बढ़ाती है ।
कोई भी एक भौतिक वस्तु लें ताकि आप इस पर ध्यान केंद्रित कर सकें। तिबेतियन शैली का पालन करने वाले अधिकांश लोग बुद्ध की मूर्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस वस्तु पर ध्यान केंद्रित रखें जब तक कि आप पूरी तरह से वस्तु से परिचित हों।
अब अपनी आंखें बंद करें और वस्तु की अपने दिमाग में कल्पना करें। इस तरह आपका दिमाग पूरी तरह से केंद्रित होगा। हो सकता है कि पहले प्रयास में आप वस्तु को पूरी तरह से कल्पना ना कर पाएं। हालांकि, अभ्यास और समय के साथ, आपका दिमाग तैयार हो जाएगा।
जब आपका दिमाग स्थिर हो जाए और बाकी सभी विचार दिमाग से बाहर हो जाएं और आप केवल ध्यान में हो तो आप अगला कदम उठा सकते हैं। अपनी सांस लेने पर ध्यान देना शुरू करें। खुद को प्रकृति और मानवता के बीच की कड़ी की तरह सोचें। हर सांस के साथ प्रकृति के साथ खुद को जोड़ने की कोशिश करें।