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जानिए कैसे भगवान शिव और शंकर है अलग-अलग

देवों के देव महादेव भगवान भोलेनाथ और शिव शंकर के इस नाम से ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं हैं, इस पूरे संसार में जो परिचत ना हो। शिव को दुनिया का हर व्यक्ति जानता हैं। क्योंकि शिव ही शक्ति हैं। मगर जो बात हम आज आपके कहने जा रहे हैं, शायद आपको इस बात पर
जानिए कैसे भगवान शिव और शंकर है अलग-अलग

देवों के देव महादेव भगवान भोलेनाथ और शिव शंकर के इस नाम से ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं हैं, इस पूरे संसार में जो प​रिचत ना हो। शिव को दुनिया का हर व्यक्ति जानता हैं। क्योंकि शिव ही शक्ति हैं। मगर जो बात हम आज आपके कहने जा रहे हैं, शायद आपको इस बात पर वि​श्वास ना हो मगर आपको बता दें,कि शिव और शंकर अलग—अलग हैं।

केवल यही नहीं ​शंकर की उत्पत्ति भी शिव से ही हुई हैं,शंकर शिव का ही रूप हैं। उनका ही अंक हैं। शंकर जी की पूजा सम्पूर्ण मूर्ति की होती हैं। वही शिव जी को निराकार माना जाता हैं। जानिए कैसे भगवान शिव और शंकर है अलग-अलगशिव ही प्रारम्भ और शिव ही अंत हैं,तो आज हम आपको शिव से जुड़ी कुछ खास और महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं।जानिए कैसे भगवान शिव और शंकर है अलग-अलग

शंकर जी ब्रम्हा और विष्णु की ही तरह त्रिदेव में आते हैं और ब्रम्हा और भगवान विष्णु की ही तरह सूक्षम लोक में ही रहते हैं। वही ये तीनों देव ​भगवान शिव जी की ही रचना हैं। आपको बता दें,कि शंकर जी का कार्य संहार करना होता हैं। भगवान शंकर को महादेव भी कहा जाता हैं।जानिए कैसे भगवान शिव और शंकर है अलग-अलग शिव निराकार परमात्मा है। शिव जी का कोई शरीर नहीं होता हैं। वे त्रिदेवों की तरह उनका कोई निश्चित वास स्थान या फिर जगह नहीं हैं। जानिए कैसे भगवान शिव और शंकर है अलग-अलगशिव के द्वारा ही तीनों देवों की रचना हुई हैं। शिव के द्वारा ही ब्रम्हा, विष्णु और महेश इस सृष्टि की ही रचना पालन और विनाश करते हैं। इनका जन्म शिवरात्रि के दिन का माना जाता हैं। यहां रात्रि से अभिप्राय अधर्म,पाप,अंधकार से हैं।जानिए कैसे भगवान शिव और शंकर है अलग-अलग

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