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क्या है इंटरनेट बैंकिंग, कितने प्रकार से होती है..?

इंटरनेट बैंकिंग, जिसे ऑनलाइन बैंकिंग, ई-बैंकिंग या वर्चुअल बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली है जो बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान के ग्राहकों को अपनी वेबसाइट के माध्यम से वित्तीय लेनदेन करने की सुविधा देती है। इसे NEFT, RTGS, UPI, IMPS, ECS प्रकार से किया जा सकता है।
क्या है इंटरनेट बैंकिंग, कितने प्रकार से होती है..?

जयपुर। इंटरनेट बैंकिंग, जिसे ऑनलाइन बैंकिंग, ई-बैंकिंग या वर्चुअल बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली है जो बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान के ग्राहकों को अपनी वेबसाइट के माध्यम से वित्तीय लेनदेन करने की सुविधा देती है। यानि घर बैठे ही आप किसी को भी पैसा भेज सकते हैं। आइये जातने हैं ये कितने प्रकार से होता है—क्या है इंटरनेट बैंकिंग, कितने प्रकार से होती है..?

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT)
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) एक राष्ट्रव्यापी भुगतान प्रणाली है, जिसमें वन टू वन फंड ट्रांसफर की सुविधा है। इस सुविधा से कोई भी व्यक्ति, फर्म और कॉरपोरेट किसी भी बैंक शाखा से किसी भी दूसरे व्यक्ति, फर्म या कॉरपोरेट को किसी भी बैंक शाखा में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। बैंक शाखा के साथ खाते रखने वाले व्यक्ति, फर्म या कॉरपोरेट्स एनईएफटी का उपयोग करके फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। क्या है इंटरनेट बैंकिंग, कितने प्रकार से होती है..? यहां तक ​​कि ऐसे व्यक्ति जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी एनईएफटी-सक्षम शाखाओं में एनईएफटी का उपयोग करके धनराशि स्थानांतरित करने के निर्देश के साथ नकद जमा कर सकते हैं। एनईएफटी, इस प्रकार, बैंक खाते के बिना भी धन हस्तांतरण लेनदेन आरंभ करने के लिए मूल या रिमिटर की सुविधा देता है। वर्तमान में, एनईएफटी प्रति घंटा बैचों में संचालित होता है – सप्ताह के दिनों में सोमवार (शुक्रवार से शुक्रवार) सुबह आठ बजे से शाम सात बजे तक और शनिवार को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक छह शिफ्ट होती हैं।क्या है इंटरनेट बैंकिंग, कितने प्रकार से होती है..?

रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS)
आरटीजीएस प्रणाली मुख्य रूप से बड़े मूल्य के लेनदेन के लिए है। RTGS के माध्यम से प्रेषित की जाने वाली न्यूनतम राशि 2 लाख है। आरटीजीएस लेनदेन के लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
इस प्रोसेसे से धनराशि वास्तविक समय में ट्रांसफर हो जाती है। जिसमें ऑर्डर के आधार पर व्यक्तिगत रूप से पैसे ट्रांसफर होत हैं। ग्राहक के लेनदेन के लिए आरटीजीएस सेवा बैंकों को सप्ताह के दिनों में 9.00 घंटे से 16.30 घंटे तक और आरबीआई के अंत में निपटान के लिए शनिवार को 9.00 घंटे से 14:00 बजे तक उपलब्ध है।

तत्काल भुगतान सेवा (IMPS)
IMPS मोबाइल फोन के माध्यम से एक फास्ट और 24X7, इंटरबैंक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सेवा प्रदान करता है। IMPS मोबाइल, इंटरनेट और एटीएम के माध्यम से पूरे भारत में बैंकों के भीतर तुरंत पैसे ट्रांसफर कर कर सकते हैं। आपको किसी अन्य अकांउट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए अकांउट नंबर और उस बैंक के आईएफएससी कोड की जरूरत होती है। क्या है इंटरनेट बैंकिंग, कितने प्रकार से होती है..?
इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम (ECS)
ईसीएस को विशेष रूप से बिल-भुगतान जैसे टेलीफोन बिल, बिजली बिल, बीमा प्रीमियर, कार्ड भुगतान और लोन का भुगतान करने के काम में लिया जाता है।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
यह नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), RBI द्वारा बनायी गयी एक तेज भुगतान प्रणाली है। UPI IMPS इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बनाया गया है और आपको किसी भी दो पार्टियों के बैंक खातों के बीच तुरंत पैसा ट्रांसफर करने की अनुमति देता है।

इंटरनेट बैंकिंग, जिसे ऑनलाइन बैंकिंग, ई-बैंकिंग या वर्चुअल बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली है जो बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान के ग्राहकों को अपनी वेबसाइट के माध्यम से वित्तीय लेनदेन करने की सुविधा देती है। इसे NEFT, RTGS, UPI, IMPS, ECS प्रकार से किया जा सकता है। क्या है इंटरनेट बैंकिंग, कितने प्रकार से होती है..?

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