डिजेनेरेटिव डिस्क क्या है यह बीमारी इसका उपचार
जयपुर । आज कल हमारी जीवन शेली के कारण हम लोगों को इतनी बीमारियाँ हो रही है की लोग यह तक नहीं जानते हैं की बीमारी क्या है । कई लोग तो ऐसे बुआई हैं जिनको वह बीमारियाँ हो रही है लोगों को नाम भी नही पाता होते हैं डॉक्टर्स भी कई बार असमंझस में आजते हैं की आखिर कौनसी बीमारी हुई है ।
हम आज बात कर रहे हैं हमारी लाइफ़स्टायल के कारण हो रही है । यह बीमारी कमर से जुड़ी हुई है । इसका नाम है डिजानेरेटिव डिस्क । हमने स्लिप डिस्क का नाम सुना है जो की कमर से जुड़ी बहुत ही गंभीर परेशानी का नाम है । यह भी कुछ उसी से मिलती जुलती बीमारी ही है ।
क्या होता है डिजानेरेटिव डिस्क ?
डीजनरेटिव डिस्क डीजीज ।इसको डीडीडी बीमारी भी कहा जाता है । यह बीमारी रीढ़ की हड्डी के एक से ज्यादा छल्लों के एक साथ कमजोर पड़ने की बीमारी होती है । यह उम्र बढ्ने के साथ साथ भी हो सकती है और किसी चोट के कारण भी हो सकती है । यह बीमारी वर्तिब्रा के बीच में होती है । रीढ़ की हड्डी के छल्लों के बीच में जो कुशन नुमा संरचना पाई जाती है यह बीमारी उसी में होती है ।
यह कुशन हमको ठीक से खड़े रहने हमारी रीढ़ की हड्डी को सीधा राख्नेमेन मददगार होते हैं साथ ही यह हमको झटका लगाने पर भी हड्डी को संभालने का काम करते हैं । इसके खराब हो जाने , कमजोर हो जाने पर हमको इस बीमारी का सामना करना पड़ता है ।
क्या होते हैं इस बीमारी के लक्षण ?
इस बीमारी में हिप्स पर कमर के निचले और जांघ से उपार के हिस्से में दर्द की शिकायत होती है ।
या दर्द काभि कभी हो सकता है कभी बहुत तेज़ हो सकता है , इसमे टीस जैसा प्रतीति होता है । यह दर्द कुछ दिनों कुछ घंटों से ले कर कुछ महीनो तक आपको प्रभावित कर सकता है ।
बैठने पर दर्द बढ्ने ई सिकायत होती है और चलने फिरने से दर्द कम महसूस होता है । खड़े रहने पर भी जोर आता है तो यह दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है ।
झुकने , मुड़ने पर दर्द बढ़ जाता है और जब पोजीशन बदल ली जाये तो दर्द में आराम मिलता है ।
क्या है इस बीमारी के इलाज ?
हर बीमारी का कोई ना कोई इलाज़ या रोकथाम होती है । हालांकि यह कमर से समबन्धित बीमारी है इसलिए यह बहुत ही संवेदनशील मामला है । इसके इलाज़ में की गई थोड़ी सी भी लापरवाही आपको सारे जीवन के लिए बिस्तर के हवाले कर सकती है ।
इस बीमारी का इलाज़ सर्जरी और फिजियोथेरेपी ही है ।
इस बीमारी में ओवर द काउंटर यानि की दर्द निवारक दावा का सेवन किया जा सकता है पर इस बीमारी में अम्बे समय तक ऐसा करना परेशानी को बढ़ा भी सकता है ।
फिजयोथरेपी से इस परेशानी में बहुत आराम मिलता है इससे हमको दर्द से निजात मिलती है और हड्डियाँ और मांसपेशियाँ भी मजबूत होती है ।
इसके आलावा स्टेरोइड दिया जाता है जो की दर्द जलन से राहत देता है ।
इसके अलावा आखरी विकल्प ऑपरेशन है । जब इनमे से किसी भी ईलाज का असर नही होता है तो आखरी विकल्प के रूप में ऑपरेशन करवाया जाता है जो की खराब हिस्से को निकालने के लिए किया जाता है । इससे नसों पर दबाव पड़ना बंद हो जाता है और दर्द से राहत मिलती है ।