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एंटीबायोटिक का क्या हो सकता है हमारे शरीर पर असर

एलर्जिक रिएक्शन। कई बार एलर्जी इतनी गंभीर हो सकती है कि आपको इमर्जेंसी केयर की ज़रूरत पड़ सकती है।महिलाओं में वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन की शिकायत भी हो सकती है इतना ही नही एक समय के बाद यह दवाएं हमारे ऊपर असर करना बंद कर देती है और जब कभी गंभीर बीमारी का इलाज़ करने मे इस तरह की एंटीबायोटिक दी जाती है तो वह फेल हो जाती है जिसके कारण मौत ही आखरी रास्ता बचता है ।
एंटीबायोटिक का क्या  हो सकता है  हमारे शरीर पर असर

 

जयपुर । एंटीबायोटिक का नाम आज हर कोई जानता है । इस दवा को आज भर भर के सभी डॉक्टर्स प्रिस्क्रिप्शन मे काम मे ले ट्राहे हैं हालत यह है की आज तो बच्चा भी दुकान पर जा कर बिना डॉक्टर्स की सलाह के खुद से किसी भी बीमारी के लिए एंटीबायोटिक खरीद कर खा लेता है की यही ही तो दवा डॉक्टर्स दे रहे हैं । पर ऐसे कितने लोग हैं जो यह जानते हैं की याद दवा है क्या और इसका असर हमारे शरीर पर क्या पड़ रहा है ?

एंटीबायोटिक का क्या  हो सकता है  हमारे शरीर पर असरएंटीबायोटिक हमारे शरीर मे पनप रहे बेक्टीरिया को मार कर या उनको हानि पहुंचाकर बीमारी को खतम करने का काम करता है । दुनिया का पहला एंटीबायोटिक पेनसिलिन था । हालांकि यह इटेफक से खोजा गाय था । आज एंटीबायोटिक दवाओं का आलाम यह की हर डॉक्टर इसको प्रीस्क्राइब कर रहा है ।एंटीबायोटिक का क्या  हो सकता है  हमारे शरीर पर असर

एंटीबायोटिक को एंटी बेक्टीरियल के नाम से भी जाना जाता है । यह दवाएं शरीर में बीमारी का कारण बन रहे बेक्टीरियाज़ की गति को धीमा कर उनको क्षति पहुंचा कर हमारी बीमारी को दूर करने का काम करती है । यानि शरीर में एंटीबोदीज़ बनती है ।

आज एंटीबायोटिक्स सबसे ज़्यादा प्रिस्क्राइब की जानेवाली दवा बन गई है और चूंकि इससे तुरंत आराम मिलता है, इसलिए हम भी चाहते हैं कि डॉक्टर एंटीबायोटिक ज़रूर दे। कई डॉक्टर भी ज़रूरी न होने पर भी एंटीबायोटिक्स लिख देते हैं। कुल मिलाकर दुनियाभर में एंटीबायोटिक्स का उपयोग की बजाय दुरुपयोग हो रहा है।एंटीबायोटिक का क्या  हो सकता है  हमारे शरीर पर असर

सबसे पहले तो ये जान लें कि एंटीबायोटिक्स बेहद इफेक्टिव दवा ज़रूर है, लेकिन ये हर बीमारी का इलाज नहीं है।

ये भी ध्यान रखें कि एंटीबायोटिक्स सिर्फ़ बैक्टीरियल इंफेक्शन से होनेवाली बीमारियों पर असरदार है। वायरल बीमारियों, जैसे- सर्दी-ज़ुकाम, फ्लू, ब्रॉन्काइटिस, गले में इंफेक्शन आदि में ये कोई लाभ नहीं देती।

ये वायरल बीमारियां ज़्यादातर अपने आप ठीक हो जाती हैं। हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता इन वायरल बीमारियों से ख़ुद ही निपट लेती हैं। इसलिए अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की  कोशिश करें।एंटीबायोटिक का क्या  हो सकता है  हमारे शरीर पर असर

हां, बैक्टीरियल इंफेक्शन से होनेवाली हेल्थ प्रॉब्लम्स में कई बार एंटीबायोटिक्स लेना ज़रूरी हो जाता है।

एंटीबायोटिक्स तभी लें, जब ज़रूरी हो और जब डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया हो, वरना ऐसा हो जाएगा कि जब आपको सही में एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत होगी, तब वो बेअसर हो जाएगी। दरअसल, एंटीबायोटिक्स लेने से सभी बैक्टीरिया नहीं मरते और जो बच जाते हैं, वे ताक़तवर हो जाते हैं। इन बैक्टीरियाज़ को उस एंटीबायोटिक्स से मारना असंभव हो जाता है। ये एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंट बैक्टीरिया कहलाते हैं।

ये एंटीबायोटिक रेज़िस्टेंट बैक्टीरिया ज़्यादा लंबी और गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं और इन बीमारियों से लड़ने के लिए ज़्यादा स्ट्रॉन्ग एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत होती है, जिनके और ज़्यादा साइड इफेक्ट्स होते हैं।

एंटीबायोटिक का क्या  हो सकता है  हमारे शरीर पर असर

उल्टी महसूस होना या चक्कर आना
डायरिया या पेटदर्द एलर्जिक रिएक्शन। कई बार एलर्जी इतनी गंभीर हो सकती है कि आपको इमर्जेंसी केयर की ज़रूरत पड़ सकती है। महिलाओं में वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन की शिकायत भी हो सकती है इतना ही नही एक समय के बाद यह दवाएं हमारे ऊपर असर करना बंद कर देती है और जब कभी गंभीर बीमारी का इलाज़ करने मे इस तरह की एंटीबायोटिक दी जाती है तो वह फेल हो जाती है जिसके कारण मौत ही आखरी रास्ता बचता है ।एंटीबायोटिक का क्या  हो सकता है  हमारे शरीर पर असर

एंटीबायोटिक्स के प्रति हमारा रवैया बेहद लापरवाही भरा है और हम इसे आम दवा समझकर धड़ल्ले से इसका सेवन करते हैं। ये सस्ती हैं और आसानी से उपलब्ध भी। केमिस्ट बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के भी एंटीबायोटिक्स बेचते हैं।
70-75% डॉक्टर्स सामान्य सर्दी-ज़ुकाम के लिए भी एंटीबायोटिक्स लिख देते हैं। आश्‍चर्यजनक तौर पर 50% मरीज़ ख़ुद एंटीबायोटिक्स दवाएं लेने पर ज़ोर देते हैं।

 

 

एलर्जिक रिएक्शन। कई बार एलर्जी इतनी गंभीर हो सकती है कि आपको इमर्जेंसी केयर की ज़रूरत पड़ सकती है।महिलाओं में वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन की शिकायत भी हो सकती है इतना ही नही एक समय के बाद यह दवाएं हमारे ऊपर असर करना बंद कर देती है और जब कभी गंभीर बीमारी का इलाज़ करने मे इस तरह की एंटीबायोटिक दी जाती है तो वह फेल हो जाती है जिसके कारण मौत ही आखरी रास्ता बचता है । एंटीबायोटिक का क्या हो सकता है हमारे शरीर पर असर

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